भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शुक्रवार को ‘द केरला स्टोरी’ फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी पर निशाना साधा। नड्डा ने कहा कि उनकी कार्यशैली के कारण पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र नहीं है।
‘डेमोक्रेसी इन कोमा’ पुस्तक का विमोचन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्य में ‘द केरला स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने के लिए बनर्जी की आलोचना की और कहा कि फिल्म का किसी धर्म या राज्य से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन लोकतंत्र की चैंपियन में से एक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र के नाम पर कुछ भी नहीं बचा है। राज्य में लोकतंत्र वास्तव में कोमा में है।
सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित ‘द केरला स्टोरी’ में दिखाया गया है कि कैसे केरल की कुछ महिलाओं को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने भर्ती किया। यह फिल्म 5 मई को रिलीज हुई थी। इस फिल्म ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और विपक्षी दलों ने निर्माताओं पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।
नड्डा द्वारा अनावरण की गई पुस्तक पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के बारे में बात करती है। पुस्तक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ये कहानियां नहीं हैं, लेकिन पुस्तक में तथ्यात्मक घटनाओं को जिक्र किया गया है। मैं भी पीड़ित था.. पहला हमला मुझ पर तब किया गया जब मैं डायमंड हार्बर गया था।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि विपक्ष को चुप कराना बनर्जी की कार्यशैली है और उनके राज्य में स्थिति बहुत चिंताजनक है। नड्डा ने कहा, फिर भी बंगाल में बदलाव लाने की आवश्यकता है जो लोगों की ताकत से संभव है। उन्होंने कहा, हम बदले की बात नहीं करते। हम बदलाव की बात करते हैं। वहां बदलाव लाने की जरूरत है और हम आपकी ताकत से ऐसा कर सकते हैं।