बिहार में 30 अक्तूबर को दो सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर महागठबंधन की राजनीति गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल ने कुशेश्वरस्थान और तारापुर सीट पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं, इससे महागठबंधन में शामिल कांग्रेस नाराज हो गई है। कांग्रेस का आरोप है कि राजद ने सहयोगी पार्टी से बिना चर्चा किए हुए उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया। ऐसे में कांग्रेस ने भी दोनों सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया है।
बिहार कांग्रेस प्रमुख मदन मोहन झा ने बताया कि ‘विधानसभा उपचुनाव में कुशेश्वरस्थान से अतीरेक कुमार और तारापुर से राजेश कुमार मिश्रा कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे। राजद द्वारा दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद, हमारे नेताओं की राय थी कि हमें भी यह चुनाव लड़ना चाहिए।’
गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में कुशेश्र्वरस्थान की सीट कांग्रेस के खाते में थी, जबकि तारापुर राजद के। दोनों सीटों पर जदयू उम्मीदवार जीते थे। कांग्रेस का आरोप है कि राजद ने विश्वास में लिए बिना दोनों सीटों के उपचुनाव में प्रत्याशी उतार दिए। अब महागठबंधन के टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला केंद्रीय आलाकमान करेगा।
वहीं, राजद नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन में कोई समस्या नहीं है। हमारी पार्टी ने दो निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने का फैसला किया। अगर कांग्रेस भी उपचुनावों में उम्मीदवार उतारना चाहती है तो कोई दिक्कत नहीं है।
बता दें कि राज्यों में स्थानीय पार्टियों के साथ गठबंधन की राजनीति करने वाली कांग्रेस के उनसे रिश्ते बिगड़ रहे हैं। बिहार से पहले बंगाल में वाममोर्चा ने कांग्रेस से बिना विमर्श किए उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। बंगाल में वाममोर्चा ने कांग्रेस से किसी भी तरह के गठबंधन पर चर्चा किए बिना चार विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनावों में अकेले लड़ने का फैसला कर लिया।
दो सीटों पर माकपा व एक-एक सीट पर फारवर्ड ब्लाक व आरएसपी चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि गोसाबा, शांतिपुर, दिनहाटा और खड़दह में उपचुनाव होने हैं। वहीं, बिहार में कांग्रेस ने महागठबंधन के प्रमुख दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खिलाफ ही उपचुनाव में ताल ठोक दी है। कांग्रेस का आरोप है कि राजद ने बिना विश्वास में लिए दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी।