नगरीय निकाय अब अगस्त से संपत्तिकर, जलकर सहित अन्य करों की वसूली के लिए ड्राइव चलाएंगे। करों की वसूली के लिए विभिन्न स्तर पर अभियान चलाएगा जाएगा। वसूली के लिए निकायों के राजस्व अधिकारियों को 80 फीसदी कर वसूली करने का टारगेट दिया जाएगा। वहीं टैक्स वसूली कम होने पर शहरों के विकास कार्यों पर प्रभाव के साथ कर्मचारियों के वेतन भत्ते पर भी फर्क पड़ सकता है। क्योंकि निकायों को अपनी आय के अधार पर कर्मचारियों को वेतन देना होता है।
कोरोना के चलते सरकार ने शहरी उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। 31 जुलाई तक का संपत्तिकर, जलकर सहित टैक्स जमा करने पर उपभोक्ताओं को अप्रैल, मई और जून का अधिभार नहीं देना पड़ेगा। सरकार का यह मानना था कि कोरोना कफ्र्यू के चलते ऑफिस, कारोबार बंद होने और लोगों के आवाजाही पर बंदिशें लगने के कारण लोगों ने टैक्स नहीं जमा किया है। इसके चलते उन्हें अधिभार में छूट दी जाए तो उपभोक्ताओं को काफी राहत मिल सकती है। सरकार के इस निर्णय का प्रदेश के करीब 25 लाख उपभोक्ताओं लाभ उठा सकते हैं। नागरिकों को इस छूट का लाभ अप्रैल से दिया गया है, जिसके निर्देश जून में जारी कर दिए गए थे।
वसूली की ऑन लाइन मानीटरिंग
निकायों में हर माह होने वाली राजस्व वसूली और भवन सहित अन्य संपत्तियों की ऑन लाइन मानीटरिंग मुख्यालय स्तर पर की जा रही है। इसके लिए आईटी बिंग में एक डाटा वेस तैयार किया गया है, जो अगले माह से बड़ी बिल्डिगों की आन लाइन मैपिंग कर यह सत्यापन करेगा कि निकाय उससे सही संपत्तिकर वसूल रहा है अथवा नहीं। इसकी मुख्य वहज यह है कि प्रदेश के अधिकांश निकायों में स्थित बिल्डिंगों की जियो मैपिंग के रिकार्ड तैयार कर लिए गए हैं, जिसे ई- नगर पालिका में अपलोड भी कर दिया गया है।