डीयू के प्रोफेसर रतनलाल को तीस हजारी कोर्ट से मिली जमानत

नई दिल्ली. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से मिले ‘शिवलिंग’ को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस के मुताबिक, एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (धर्म, जाति, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए ( धर्म का अपमान कर किसी वर्ग की धार्मिक भावना को जानबूझकर आहत करना) के तहत गिरफ्तार किया गया है. साइबर पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी की है.

दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से मिले ‘शिवलिंग’ को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल ने विवादित पोस्ट किया था. इसके बाद इस मामले पर काफी हंगामा हुआ था और बुधवार को रतन लाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ गैर जमानती धराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. रतन लाल पर धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा था. उनकी पोस्ट सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी.

मैंने किसी की भावनाएं आहत नहीं की हैं
डीयू के प्रोफेसर रतन लाल हिस्ट्री के प्रोफेसर हैं. उन्होंने ज्ञानवापी मामले को लेकर कुछ सवाल किए थे, जिसके बाद से बवाल शुरू हो गया था. उधर, मामले के सामने आने के बाद प्रोफेसर रतन लाल का कहना था कि मैंने किसी की भावनाएं आहत नहीं की हैं. उनका कहना था, ‘मैंने एक संभावना व्यक्त की है यहां किसी भी चीज पर रिलीजियस सेंटीमेंट्स हर्ट हो सकता है. खाली सुनना हो तो हर चीज से सेंटीमेंट हर्ट हो जाएगा. खाली सुनने से बौद्धिक विमर्श क्या हो?’

 SC के फैसले की अवमानना है
रतन लाल के वकील महमूद प्राचा का कहना है कि प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. FIR में कोई ऐसी बात नहीं है जो संज्ञेय अपराध में आता हो. IPC की धारा 153A और 295A के तहत गिरफ्तारी नहीं की जा सकती. पुलिस के पास वह शक्ति ही नहीं है, गिरफ्तारी भी SC के फैसले की अवमानना है.

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