ताइवान में आयोजित इंटरनेशनल लिंग्विस्टिक ओलंपियाड (IOL) 2025 में भारत के चार होनहार छात्रों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर देश का नाम रौशन किया। इस वैश्विक प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 42 देशों के 227 प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए भारतीय टीम ने एक स्वर्ण, एक कांस्य और दो ऑनरेबल मेंशन (विशेष उल्लेख) अपने नाम किए।

चेन्नई के वागीसन ने दिलाया स्वर्ण, गुरुग्राम के अद्वय को कांस्य
प्रतियोगिता में चेन्नई के 15 वर्षीय वागीसन सुरेंद्रन ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि गुरुग्राम के 12 वर्षीय अद्वय मिश्रा ने कांस्य पदक हासिल किया। इसके अलावा हैदराबाद के नंदगोविंद अनुराग और सिरिपुरापु भुवन को विशेष उल्लेख (Honourable Mention) मिला है।

प्रतियोगिता में नहीं होती भाषा की आवश्यकता, परखा जाता है तर्कशक्ति
इंटरनेशनल लिंग्विस्टिक ओलंपियाड विश्व की प्रमुख 13 साइंस ओलंपियाड में से एक है, जहां प्रतिभागियों की भाषा की जानकारी नहीं, बल्कि उनके विश्लेषण, पैटर्न समझने और तर्क क्षमताओं का परीक्षण होता है। प्रतिभागियों को दुर्लभ या अनजानी भाषाओं के आधार पर पहेलियां हल करनी होती हैं। इन छात्रों का चयन पाणिनि लिंग्विस्टिक ओलंपियाड (PLO) के जरिए किया गया था।

भाषाओं के दीवाने वागीसन पढ़ते हैं 34 लिपियां
स्वर्ण पदक विजेता वागीसन सुरेंद्रन चेन्नई के पीएसबीबी केके नगर स्कूल में कक्षा 11 के छात्र हैं। उन्हें भाषाओं से विशेष लगाव है और वह ब्राह्मी, तिब्बती और जॉर्जियाई जैसी 34 लिपियों को पढ़ने में सक्षम हैं। वागीसन ने स्वयं शिलालेखों और संग्रहालयों से सीखते हुए प्राचीन लिपियों को पढ़ना सीखा है। वे हिंदी, संस्कृत और कुछ मंदारिन बोल भी सकते हैं। उनका सपना है कि वे ऐसी तकनीक विकसित करें जिससे लुप्त होती भाषाओं को संरक्षित किया जा सके।

12 वर्षीय अद्वय सबसे कम उम्र के पदक विजेता
अद्वय मिश्रा, जो गुरुग्राम स्थित हेरिटेज एक्सपीरियेंशियल लर्निंग स्कूल में पढ़ते हैं, ओलंपियाड के सबसे कम उम्र के प्रतिभागियों में शामिल रहे। वर्ड पजल्स और कोडिंग में रुचि रखने वाले अद्वय इससे पहले एकेडमिक बी, साइंस बी और इंटरनेशनल ज्योग्राफी बी प्रतियोगिताएं भी जीत चुके हैं।

हैदराबाद के छात्रों ने भी दिलाई टीम को मजबूती
हैदराबाद के 18 वर्षीय नंदगोविंद अनुराग, जो गणित ओलंपियाड की तैयारी कर रहे थे, ऑनलाइन लॉजिक पजल्स के माध्यम से इस क्षेत्र में आए। वह आगे कम्प्यूटेशनल लिंग्विस्टिक्स या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पढ़ाई करना चाहते हैं। वहीं, उनके साथी सिरिपुरापु भुवन अपनी शांतचित्तता और सटीक तर्कों के लिए जाने जाते हैं। दोनों ने टीम की सफलता में अहम योगदान दिया।