कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर न आए इसकी कोशिश जारी- स्वास्थ्य मंत्री

देश में कोरोना की दूसरी लहर ने बहुत तबाही मचाई है. अभी भी बहुत से राज्य ऐसे हैं जहां कोरोना के नए केस ज्यादा संख्या में सामने आ रहे हैं. ऐसे में अब विशेषज्ञ तीसरी लहर के आने की आशंका जता रहे हैं. विशेषज्ञ का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर से सबसे ज्यादा बच्चों को खतरा है. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर तीसरी लहर आई तो मध्यप्रदेश उससे निपटने के लिए कितना तैयार है.

दरअसल, राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की बात करें तो उसकी स्थिति कुछ खास नहीं है. प्रदेश में केवल 20 जिला अस्पतालों में बच्चों का आईसीयू है, जबकि इन सभी अस्पतालों में कुल मिलाकर महज एक एंबुलेंस है.

राज्य में अब तक इतने बच्चे हो चुके हैं संक्रमित

मध्यप्रदेश में अगर अब की बात करें तो कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान 18 साल से कम उम्र के 54 हजार बच्चे संक्रमित हो चुके हैं. इन संक्रमित बच्चो में से 12 हजार से ज्यादा बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. राज्य के बच्चों में संक्रमण दर 6.9 फीसदी रही है. बता दें कि यह आंकड़ा मध्यप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में पेश किया है.

58 फीसदी बच्चे हुए घर पर ही ठीक

राज्य में 18 साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 3 करोड़ 19 लाख है. इस वक्त प्रदेश के सिर्फ 20 जिला अस्पतालों में ही बच्चों का आईसीयू है, जिनमें कुल 2,418 बेड मौजूद हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की कोविड पॉजिटिव पेशेंट लाइन लिस्ट रिपोर्ट की मानें तो दूसरी लहर के दौरान सिर्फ भोपाल में 2,699 बच्चे संक्रमित हुए. इनमें 58 फीसदी बच्चे घर पर रहकर ही ठीक हो गए. सिर्फ 32 फीसदी बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए और 660 बच्चे होम आइसोलेशन में हैं. आंकड़ों की मानें तो 72 फीसदी बच्चे अब तक स्वस्थ हो चुके हैं.

राज्य में नवजात बच्चों के लिए सिर्फ एक एंबुलेंस

प्रदेश में नवजात बच्चों के लिए सिर्फ एक एंबुलेंस है. वो भी सिर्फ भोपाल के सुल्तानिया में है, जो नवजातों को हमीदिया अस्पताल में शिफ्ट करती है इसमें नवजात के शरीर के तापमान को मेंटेन रखने के लिए इंक्यूबेटर लगा हुआ है, जो राज्य की किसी सरकारी एंबुलेंस में नहीं है.

सरकार ने प्रदेशभर में एंबुलेंस बढ़ाने के लिए निकाला टेंडर

सरकार ने प्रदेशभर में एंबुलेंस बढ़ाने के लिए 1200 करोड़ रुपये का नया टेंडर निकाला है, नए टेंडर में एंबुलेंस की संख्या 606 से बढ़ाकर 1,002 हो जाएगी. वहीं, जननी एक्सप्रेस की संख्या 800 से बढ़ाकर 1,050 की जा रही है. इसके अलावा 700 पीडियाट्रिशियन और नर्सों को ट्रेंड करने का दावा किया जा रहा है. वहीं, एसएनसीयू में 200 बेड, पीडियाट्रिक आईसीयू में 375 और पीडियाट्रिक हाई डिपेंडेंसी यूनिट में 144 नए बेड की मंजूरी दे दी गई है. साथ ही, बच्चों के लिए सीएचसी में 3,745 बेड को कोविड केयर सेंटर बनाया जाएगा.

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