तय समय से दो दिन पहले रिलीज हुई वेब सीरीज पंचायत के दूसरे सीजन को काफी पसंद किया जा रहा है। पंचायत की कहानी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के गांव फुलेरा की है। शहरों में पले-बढ़े लोगों के लिए पंचायत गांव की यात्रा के समान है। इसके पहले सीजन को दर्शकों का खूब प्यार मिला है, वहीं दूसरे सीजन को लेकर भी लोगों में क्रेज देखने को मिल रहा है। इस वेब सीरीज को टीवीएफ फेम दीपक कुमार ने निर्देशित किया है। इस सीरीज में ग्रामीण जीवन की सहजता के बीच दिलचस्प किस्सों को दिखाया गया है। गांव या कस्बे में रहने वाले लोगों को इसे देखने के बाद अपनापन महसूस होता है।

ब्यूरो, मुंबईवेब सीरीज पंचायत की कहानी फुलेरा गांव की पृष्ठभूमि पर बुनी गई है। इस देखने के बाद अपने गांव की याद आने लगती है। इस वेब सीरीज का टाइटल 'पंचायत' काफी दिलचस्प है। सीरीज के निर्देशक दीपक कुमार ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है कि आखिर क्यों उन्होंने इसका नाम पंचायत रखा। उन्होंने बताया कि- 'जब हम छोटे थे तो मालगुड़ी डेज और पंचतंत्र जैसे शो देखकर बड़े हुए हैं। ऐसे में मैं इसको वास्तविकता से जोड़ना चाहता था।'

ब्यूरो, मुंबईदीपक कुमार ने कहा- 'भारत के गांव की पहचान पंचायत है। हमने इसके जरिए गांव की हकीकत सबके सामने रखी है। हम नए जमाने की पीढ़ी को यह दिखाना चाहते थे बचपन में हम क्या देखकर बड़े हुए हैं और पंचायत का नाम दर्शकों को उनकी मातृभूमि से जोड़ता है।' उन्होंने कहा- 'हमें आज की पीढ़ी को इस समय के शो जैसा अनुभव कराने में काफी समय लगा।'

ब्यूरो, मुंबईपंचायत में एक ऐसे गांव की कहानी दिखाई गई है, जहां हर तरह के विचित्र लोग रहते हैं। प्रधान मंजू देवी हों या फिर प्रधान पति दुबे जी, उनकी बिटिया रिंकी हो या फिर सचिव अभिषेक त्रिपाठी। इस सीरीज को देखकर आपको ऐसा महसूस होगा कि ये सब किरदार इनके लिए ही बहुत चुन कर लिखे गए हैं। बता दें कि इस वेब सीरीज की शूटिंग मध्य प्रदेश के भोपाल के पास स्थित एक छोटे से गांव में हुई है। इसमें कोई बड़ी स्टारकास्ट नहीं है और न ही कोई तड़क-भड़क है, लेकिन हर कलाकार ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है।