उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में बारिश के बीच जिले में ‘आई फ्लू’ ने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। जिले भर में अचानक आंखों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। शहर के लगभग सभी मोहल्लों और गांवों में आई फ्लू के मरीज देखे जा रहे हैं। आई फ्लू के मरीज बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भी बढ़ने लगी है। शहर की कुछ कॉलोनी में आई फ्लू तेजी से फैलने के कारण लोग दहशत में हैं। कांशीराम कॉलोनी नगला कीरत में 100 से अधिक लोग आई फ्लू की चपेट में हैं।
उमस भरी गर्मी का असर अब लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने लगा है। जिले में आई फ्लू (आंखों में संक्रमण) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। अस्पतालों में आंखों की ओपीडी में 60 प्रतिशत मरीज आई फ्लू के आ रहे हैं। चिकित्सकों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। महाराजा तेज सिंह जिला अस्पताल में प्रतिदिन आंखों की जांच के लिए 130 से 140 मरीज आ रहे हैं। जबकि एक सप्ताह पूर्व नेत्र रोग विभाग में आने वाले मरीजों की संख्या 30 से 40 होती थी। पिछले एक सप्ताह से आंखों में फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं।
यह है आई फ्लू
आई फ्लू में आंखों में जलन होती है। आमतौर पर यह एक एलर्जिक रिएक्शन की वजह से होता है। कई मामलों में बैक्टीरिया का संक्रमण भी इसके लिए जिम्मेदार होता है। श्वसन तंत्र या नाक-कान अथवा गले में किसी तरह के संक्रमण के कारण वायरल कंजंक्टिवाइटिस हो जाता है। संक्रमण की शुरुआत एक आंख से ही होती है, लेकिन जल्द ही दूसरी आंख भी चपेट में आ जाती है।
यह हैं लक्षण
- आंखें लाल होना
- आंखों से पानी आना
- आंखों में तेज जलन होना
- पलकों पर पीला और चिपचिपा तरल जमा होना
- आंखों में चुभन होना और सूजन आना
- आंखों में खुजली होना
ये हैं बचाव के उपाय
- बरसात के मौसम में हाथों को नियमित रूप से साबुन से साफ करते रहें।
- आंखों की सफाई का पूरा ध्यान रखें।
- आंखों को ठंडे पानी से बार-बार धोएं।
- किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें।
- आंखों पर बार-बार हाथ नहीं लगाएं।
- अगर संक्रमित आंख को छुएं, तो हाथ अच्छे से साफ करें।
- गंदगी और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
- संक्रमित व्यक्ति से हाथ नहीं मिलाएं न ही उसकी वस्तुओं को छुएं
- इस सीजन में स्विमिंग से बचें।
- आई फ्लू से प्रभावित बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जाए
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. ब्रजेश कुमार ने कहा कि बरसात के बाद इस तरह की दिक्कत बढ़ती हैं। ऐसे में घबराने की नहीं बल्कि जागरूक रहने की जरूरत है। सावधानी बरतें और जरा भी दिक्कत होने पर तुरंत उपचार लें। झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़ें।