दिल्ली बॉर्डर पर किसान फिर से कर सकते हैं आंदोल

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय नेतृत्व एवं संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर केंद्र सरकार द्वारा किसानों के साथ वादाखिलाफी को लेकर राष्ट्रपति के नाम एसीएम पंचम विजय शर्मा को ज्ञापन दिया गया। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राजवीर लवानियां ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के आश्वासन पर भरोसा कर दिल्ली बॉर्डर से अपने मोर्चे उठा लिए थे, उसके बाद सरकार अपने वादों से मुकर ही नहीं गई, बल्कि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है।

मनाया गया था विश्वासघात दिवस 

उन्होंने बताया कि पूरे देश के किसानों ने पूर्व में 31 जनवरी 2022 को विश्वासघात दिवस भी मनाया था। उन्होंने कहा कि सरकार का वादा था कि आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे, अब तक सिर्फ हरियाणा सरकार ने कुछ कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश सहित तमाम प्रदेशों में अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।  सरकार की वादाखिलाफी को लेकर दिल्ली बार्डर पर फिर से आंदोलन शुरू करना किसान संगठनों की मजबूरी होगी। 

…तो आंदोलन के अलावा नहीं कोई दूसरा रास्ता

भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष नत्थू सिंह धाकरे ने कहा अपने वादे पर रुकने के बजाय सरकार किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। लखीमपुर खीरी घटना में एसआईटी की रिपोर्ट में षड्यंत्र की बात स्वीकार तो कर ली गई, लेकिन प्रमुख षड्यंत्रकारी अजय मिश्र टेनी की मंत्रिमंडल से बर्खास्तगी नहीं हो पाई है। तहसील अध्यक्ष श्रीकृष्ण वीर सिंह ने कहा कि अगर सरकार अपने आश्वासन पर अमल नहीं करती है तो किसानों के पास आंदोलन को दोबारा शुरू करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचेगा।

ये रहे मौजूद 

 ज्ञापन देने वालों में नत्थू सिंह धाकरे, कृष्णवीर सिंह, उमेश यादव, प्रेम सिंह, आशा सचदेवा, हरेंद्र सिंह, मनोज सिंह तोमर, सुरेंद्र सिंह, कुंवर सेन सिंह आदि मौजूद रहे।

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