शिमला: गर्मियां शुरू होने से पहले ही पानी का संकट

हिमाचल प्रदेश की हिल्स क्वीन शिमला में गर्मियां शुरू होने से पहले ही पेयजल संकट गहराने लगा है। लोगों को मार्च महीने में ही पेयजल की किल्लत झेलनी पड़ रही है। राजधानी के कई क्षेत्रों में बीते एक सप्ताह से तीसरे व चौथे दिन सप्लाई के बावजूद पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है।

रात 12 बजे भी पानी भर रहे लोग

शहर की VVIP कॉलोनियों को छोड़कर कई वार्डों में रात 12 बजे तक भी पानी दिया जा रहा है। इससे लोग रात में चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। हालांकि जल प्रबंधन कंपनी का दावा है कि बुधवार को शहर में 42 MLD पानी मिला है, जबकि शिमला में रोजाना पानी की मांग लगभग 45 MLD की रहती है।

तीसरे दिन क्यों दिया जा रहा पानी

सवाल उठ रहे हैं कि जब 42 MLD पानी की लिफ्टिंग हुई है तो लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी क्यों नहीं मिल पा रहा है और तीसरे दिन पानी क्यों दिया जा रहा है। शिमला के नाभा, फागली, समिट्री, रामनगर, कनलोग, न्यू शिमला, खलीणी, टुटू, मत्याठ, कच्चीघाअी, घौड़ाचौकी, बालूगंज, समरहिल, कृष्णानगर, सैंट्रल जोन टूटीकंडी, अनाडेल व कैथू में पानी की कमी चल रही है।

गुम्मा में ट्रांसफॉर्मर जलने के बाद हुई किल्लत​

MC के पार्षद भी निरंतर पानी की कमी के मसले को उठा रहे हैं, लेकिन पेयजल सप्लाई सामान्य नहीं हो पा रही है। जल प्रबंधन कंपनी द्वारा दावा किया जा रहा है कि गुम्मा में विद्युत ट्रांसफॉर्मर के ठीक होते ही पानी की सप्लाई सामान्य हो जाएगी। शिमला शहर की पेयजल आपूर्ति की जिम्मा जल प्रबंधन कंपनी देख रही है।

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