फारुक अब्दुल्ला का पाकिस्तान प्रेम: बोले- विकास के लिए पड़ोसी से अच्छे रिश्ते जरूरी

भारत और पाकिस्तान के रिश्तों को लेकर फारुक अब्दुल्ला बेहद मुखर रहे हैं। दोनों देशों के रिश्तों को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक ने अब्दुल्ला ने महाराष्ट्र दौरे पर बड़ी टिप्पणी की। उन्होंने मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में अगर विकास करना है तो पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते रखना बहुत जरूरी है। अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के नेताओं को पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध की अहमियत समझनी पड़ेगी। पड़ोसी देश के साथ अच्छे संबंध रखे बिना देश तरक्की नहीं कर सकता।

पाकिस्तान को भी कड़ी नसीहत
उन्होंने पड़ोसी देश को भी कड़ी नसीहत दी। लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर की सत्ता पर काबिज रही- नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला ने कहा, देश के हालात बदलेंगे, एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम और सिख भाई-भाई की तरह रहेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान के रिश्ते भी सुधरेंगे। अगर पाकिस्तान को अपना देश बचाना है तो उन्हें भारत के साथ संबंध सुधारने ही होंगे। पूर्व सीएम के अनुसार, पाकिस्तान को भारत के साथ मित्रतापूर्ण संबंध बनाए रखने होंगे।

मुस्लिमों को वोट बैंक बनाया
फारुक अब्दुल्ला ने देश में धर्म की राजनीति को लेकर भी अफसोस जाहिर किया। उन्होंने कहा, “हमारा इस्तेमाल किया जा रहा है और जब हमें हमारा अधिकार देने का समय आता है तो हमें कुछ भी नहीं दिया जाता।” पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मुसलमानों का उपयोग केवल वोट बैंक के लिए किया जाता है…अगर हम अपने वोटों का सही उपयोग करें तो हम बदलाव ला सकते हैं।

अपने पिता के दिनों को याद किया
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि जब उनके पिता- शेख अब्दुल्ला के सामने दो राष्ट्रों का सिद्धांत आया था तो उन्होंने प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलने वाले उनके पिता ने पाकिस्तान के साथ जाने से इनकार कर दिया था। आज भी जम्मू-कश्मीर के युवा इस फैसले की आलोचना करते हैं, लेकिन संकीर्ण सोच से ऊपर उठकर सोचने की जरूरत है। फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारना बहुत जरूरी है। दोनों देशों का हित इसी में है। 

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