सात बेटियों के पिता ने बेटा न होने पर फांसी लगाकर आत्महत्या की

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बेटे की चाहत में सात बेटियों के पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पिता की मौत के बाद से मृतक की पत्नी और बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बेटे की चाह में एक के बाद एक सात बेटियों का जन्म हुआ। चाहत अधूरी रही तो परिवार में कलेश रहने लगा। एक तरफ बेटे की चाह और दूसरी तरफ मुफलिसी में गुजर रही जिंदगी से परेशान होकर मजदूर ने फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। गमजदा परिवार ने मृतक का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया।
थाना क्षेत्र के गांव बिरालसी निवासी करीब 35 वर्षीय मजूदर युवक की आर्थिक खराब थी। करीब दो महीने पहले उसकी पत्नी ने दो जुड़वां बेटियों को जन्म दिया था।  कोई बेटा नहीं होने के कारण वह डिप्रेशन में रहने लगा था। बताते हैं कि इस दौरान वह  शराब का काफी मात्रा में सेवन करने लगा था।

बताया गया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजेे  घर में विवाद हुआ।  इसी वजह से उसने गुस्से में आकर आधी रात घर से निकलकर गांव की बाहरी सीमा पर स्थित गुनियाजुड्ड़ी के जंगल में एक पेड़ में फांसी का फंदा लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। शनिवार सुबह खेेतों में पहुचें ग्रामीण पेड़ पर लटके शव को देख सन्न रहे गए। मौके पर शव की पहचान के बाद परिजनों को सूचित किया। आनन फानन में परिजन वहां पहुंचें। वहां जंगल से शव को गांव लाया गया। परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना दिए बिना शव का अंतिम संस्कार कर दिया। बताया गया कि मृतक शराब का अधिक सेवन करता था।
थाना प्रभारी ज्ञानेश्वर बौद्ध ने बताया मृतक बेटा नहीं होने के कारण मानसिक रूप से बीमार रहने लगा था और शराब पीने लगा था। हालांकि मौत के संबंध मेंं पुलिस को कोई सूचना नहीं दी है। पुलिस परिजनों से बातचीत के बाद मौत के कारणों की जांच में जुटी है।

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