बेखौफ खनन माफियाओं का आतंक !

आज हरियाणा के नूंह से बेहद दु:खद और अफ़सोसनाक समाचार मिला। पहले से ही अपराधों तथा अपराधियों को पनाह देने के लिए बदनाम मेवात के तावड़ू में तैनात डी.एस.पी. सुरेन्द्र सिंह विश्नोई को सूचना मिली कि नूंह के समीप अरावली की पहाड़ियों में खनन माफिया अवैध रूप से पत्थरों की ढुलाई करा रहा है। श्री विश्नोई को यह सूचना प्रातः 12.10 पर मिली। वे फौरन मौके के लिए रवाना हुए। श्री विश्नोई ने अवैध पत्थरों से भरा डम्पर आते हुए देखा तो उसे रुकने का इशारा किया किन्तु डम्पर चालक ने रुकने के बजाय रफ्तार बढ़ा कर डम्पर उनके ऊपर चढ़ा दिया जिससे इस कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी की मौके पर ही मृत्यु हो गई।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने मृत डी.एस.पी. को शहीद का दर्जा देने और उनके परिजनों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने की घोषणा की है। गृहमंत्री अनिल विज तथा खनन मंत्री मूलचन्द शर्मा ने माफिया के पकड़े जाने व अपराधियों को कड़ी सजा देने की बात कही है। इन पंक्तियों को लिखे जाते समय इक्कर नामक एक अपराधी के गिरफ्तार होने की खबर मिली है।

सूत्रों के अनुसार मेवात में गैरकानूनी हरकतों का बोलबाला रहता है। खनन माफिया सरकारी महकमों के भ्रष्ट कर्मचारियों की मिली-भगत से अवैध खनन करते रहते हैं। यहाँ तक कि विस्फोटकों से पहाड़ उड़ा कर पत्थर तोड़े जाते हैं। लगातार अवैध खनन से पहाड़ियां खोखली हो गई है।

अवैध खनन का धंधा करने वाले माफिया बेखौफ हो चुके हैं। न सिर्फ हरियाणा में वरन् पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी खनन माफियाओं का दुस्साहस जग जाहिर है। योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार के एक कैबिनेट मंत्री ने सहारनपुर के बेहट इलाके में स्वयं कई डम्पर व जे.सी.बी. पकड़ी थीं। कैराना क्षेत्र में खनन माफिया भी बेखौफ खनन करते हैं। कुछ वर्ष पूर्व माफिया के गुर्गों ने तत्कालीन एस.डी.एम व पुलिस पर हमला कर दिया था। मुजफरनगर के मोरना क्षेत्र में खनन माफिया सक्रिय रहते हैं। 10 दिन पूर्व एक उच्च अधिकारी ने अवैध रेत से भरे 4 वाहन पकड़े थे। ट्रक चालक से पकड़े गए मोबाइल फोन से पता चला कि वह अपने मूवमेंट की सूचना विभाग के लोगों को दे रहा था। कुछ वर्षों पहले बागपत में नियुक्त जिला अधिकारी के यहां छापे से पता चला कि उनकी खनन माफिया से सांठगांठ है।

राजनीतिक संरक्षण से सहारनपुर के रखनन माफियाओं और गायत्री प्रजापति का प्रकरण सब जानते हैं। नेताओं की सरपरस्ती व भ्रष्टतंत्र की सांठगांठ से खनन माफियाओं के हौसले बुलंद रहते हैं। ईमानदार व कर्तव्य परायण अधिकारी इनके शिकार होते रहते हैं। यह वर्तमान भ्रष्टतंत्र का काला चेहरा है।

गोविंद वर्मा
संपादक ‘देहात’

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