वॉशिंगटन। अमेरिका के 19 सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पत्र लिखकर भारत-अमेरिका संबंधों में आई खटास पर चिंता जताई है। सांसद डेबोरा रॉस और रो खन्ना के नेतृत्व में लिखे इस पत्र में राष्ट्रपति से आग्रह किया गया है कि वे दोनों देशों के बीच बिगड़ते रिश्तों को सुधारने के लिए तुरंत कदम उठाएं और अपनी सरकार की टैरिफ (शुल्क) नीतियों की पुनः समीक्षा करें।
पत्र में कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय न केवल भारत-अमेरिका संबंधों को कमजोर कर रहा है, बल्कि इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं और उद्योगों को भी नुकसान पहुंच रहा है। सांसदों ने लिखा कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी रहते हैं, जिनके भारत से गहरे पारिवारिक और आर्थिक संबंध हैं। ट्रंप प्रशासन की मौजूदा नीतियाँ इन संबंधों को कमजोर कर रही हैं।
सांसदों ने चेतावनी दी कि बढ़ते टैरिफ के कारण भारत अब चीन और रूस के साथ अपने कूटनीतिक और आर्थिक रिश्ते मजबूत कर रहा है। पत्र में कहा गया, “अमेरिका के हित में यह जरूरी है कि भारत के साथ हमारी साझेदारी मजबूत और स्थिर बनी रहे, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जहां भारत एक निर्णायक भूमिका निभा रहा है और क्वाड देशों के साथ मिलकर चीन की बढ़ती गतिविधियों का संतुलन बना रहा है।”
सांसदों ने यह भी कहा कि टैरिफ नीति से अमेरिकी बाजार पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारत के साथ अमेरिका की तकनीक, स्वास्थ्य, ऊर्जा और मैन्युफैक्चरिंग जैसी कई अहम सेक्टरों में साझेदारी है। इन पर अतिरिक्त शुल्क लगने से कंपनियों की प्रतिस्पर्धा क्षमता घट रही है और अमेरिकी उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
अंत में सांसदों ने कहा कि मनमाने ढंग से लगाए गए ये शुल्क न केवल द्विपक्षीय व्यापार को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि नवाचार, सहयोग और निवेश को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने ट्रंप से आग्रह किया कि वे भारत के साथ संबंधों को फिर से मज़बूत करने के लिए निर्णायक कदम उठाएं।