नेपाल के कंचनपुर जिले में महेंद्रनगर जेल में मंगलवार को हुई हिंसक घटना में 450 से अधिक कैदी भाग निकले। इस मामले में पीलीभीत जिले के माधोटांडा और हजारा क्षेत्र के चार भारतीय बंदी भी शामिल थे। इनमें से दो कैदियों को बुधवार को एसएसबी और प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद उनके परिवारों को सुपुर्द कर दिया गया, जबकि दो अन्य अभी कागजी प्रक्रिया पूरी न होने के कारण घर नहीं पहुंचे हैं।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार दोपहर प्रदर्शनकारियों ने महेंद्रनगर जेल पर हमला किया। उन्होंने जेल के दरवाजे और दीवारें तोड़ते हुए कैदियों को भागने का मौका दिया। भागे हुए चार भारतीय कैदी लगभग आठ किलोमीटर पैदल चलकर उत्तराखंड के बनबसा सीमा तक पहुंचे। यहां एसएसबी ने उन्हें रोक लिया और स्थानीय पुलिस को सौंपने की कोशिश की, लेकिन बनबसा पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया के कारण उन्हें लेने से इनकार कर दिया।
पीलीभीत के डीएम ज्ञानेंद्र सिंह के निर्देश पर माधोटांडा थाना क्षेत्र के ग्राम ढकिया ताल्लुके महाराजपुर निवासी चितरंजन सरकार (64) और रंजन विश्वास (34) को एसएसबी की मदद से उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। दोनों को पिछले वर्ष नवंबर में नेपाल सीमा के पास जमीन जोतने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे महेंद्रनगर जेल में बंद थे।
हजारा थाना क्षेत्र के बमनपुर भागीरथ निवासी सोनी सिंह और गुड्डू की रिहाई अभी अधूरी है। सोनी सिंह को नेपाल पुलिस ने 15 माह पहले ब्राउन शुगर के साथ पकड़ा था, जबकि गुड्डू को भी एक साल पहले इंडो-नेपाल बॉर्डर पर ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया गया था। एसएसबी द्वारा उनकी कागजी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। डीएम ने बताया कि जेल से आए पीलीभीत जिले के कैदियों को उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है और बाकी कैदियों के मामले में आदेशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।