पश्चिम एशिया में गाजा को लेकर इस्राइल और हमास के बीच लंबे समय से जारी हिंसक संघर्ष अब थमने की ओर है। ट्रंप शांति योजना के तहत लागू हुए युद्धविराम के मुताबिक, इस्राइली सेना ने शुक्रवार दोपहर 12 बजे से मोर्चे पर तैनात सैनिकों को निर्धारित स्थानों पर लौटना शुरू कर दिया।

इस समझौते को इस्राइली कैबिनेट ने मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि मंत्रिमंडल ने बंधकों की रिहाई और अन्य मुद्दों पर सहमति दी है। हालांकि, योजना के अन्य पहलुओं का विवरण साझा नहीं किया गया। एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, सेना गाजा के करीब 50 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण बनाएगी।

हमास के वरिष्ठ नेता खलील अल-हय्या के अनुसार, समझौते के तहत इस्राइल लगभग 2000 फलस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, मिस्र से लगी सीमा खोली जाएगी और गाजा में मानवीय सहायता पहुँचाने की अनुमति मिलेगी। इसके साथ ही, इस्राइली सेना मोर्चे से पीछे हट जाएगी।

समझौते में इस्राइली जेलों में बंद सभी महिलाओं और बच्चों को भी रिहा करने का प्रावधान है। अमेरिकी अधिकारी 200 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय टीम के साथ निरीक्षण के लिए इस्राइल भेजे जाएंगे। अल-हय्या ने कहा कि अब हमास अपने लोगों के खिलाफ युद्ध और आक्रामकता को समाप्त करने पर सहमत हो गया है।

बीते दो साल के संघर्ष में करीब 67 हजार लोग मारे गए और गाजा में अभूतपूर्व मानवीय संकट उत्पन्न हुआ। लाखों लोग विस्थापित हुए, हजारों घायल हुए और भुखमरी ने स्थिति और बिगाड़ दी। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने शांति बहाली की मांग की थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस शांति समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को बधाई दी। मोदी ने नेतन्याहू से कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में अस्वीकार्य है।

इस युद्धविराम के साथ गाजा में मानवीय राहत पहुँचाने और नागरिकों के जीवन को सामान्य करने की उम्मीद जगी है।