बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष बांग्लादेश में हुआ छात्र आंदोलन दरअसल अमेरिका की साजिश थी, जिसे पाकिस्तान की मदद से अंजाम दिया गया। हसीना के मुताबिक, इस आंदोलन को छात्रों के विद्रोह के रूप में प्रस्तुत किया गया, जबकि यह बांग्लादेश की स्थिरता पर किया गया “आतंकी हमला” था।
यह क्रांति नहीं, आतंकी हमला था- हसीना
द प्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में हसीना ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2024 की घटनाएं विदेशी षड्यंत्र का हिस्सा थीं। उन्होंने कहा, “इसे क्रांति मत कहो, यह बांग्लादेश पर आतंकी हमला था। इसे अमेरिका ने योजनाबद्ध तरीके से रचा और पाकिस्तान से अंजाम दिलवाया। इसका उद्देश्य मुझे सत्ता से हटाना था।”
हसीना ने कहा कि जिन लोगों की हत्याओं का आरोप उनकी सरकार पर लगाया गया, वे हमले पुलिस ने नहीं बल्कि आतंकियों ने किए ताकि जनता को उनके खिलाफ भड़काया जा सके।
नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस पर लगाए गंभीर आरोप
हसीना ने नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकियों के इशारे पर उन्हें सत्ता से हटाने की साजिश रची। उन्होंने दावा किया, “अमेरिका सेंट मार्टिन द्वीप पर नियंत्रण चाहता था। अगर मैं मान जाती, तो वे मुझे नहीं हटाते। लेकिन मैंने देश नहीं बेचा।”
उनके अनुसार, यूनुस ने इस षड्यंत्र की योजना, फंडिंग और क्रियान्वयन किया। उन्होंने कहा, “यूनुस ने अपनी महत्वाकांक्षा के लिए अपने देश के साथ विश्वासघात किया।”
पाकिस्तान पर भी साधा निशाना
हसीना ने कहा कि पाकिस्तान की कट्टरपंथी ताकतें लंबे समय से बांग्लादेश में चरमपंथी नेटवर्क को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि 1971 के बाद से पाकिस्तान बार-बार बांग्लादेश के अंदरूनी मामलों में दखल देता रहा है।
अवामी लीग पर बढ़ा संकट
हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग की गतिविधियां निलंबित कर दीं और चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण भी रद्द कर दिया। अब पार्टी और हसीना दोनों पर कई कानूनी मामले चल रहे हैं, जिनमें प्रदर्शनकारियों की मौतों से जुड़े आरोप शामिल हैं।
ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में हसीना के खिलाफ सुनवाई पूरी हो चुकी है, जहां अभियोजन पक्ष ने उनके लिए मौत की सजा की मांग की है।
बांग्लादेश में जल्द चुनाव की तैयारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश चुनाव आयोग दिसंबर की शुरुआत में आम चुनाव की तारीख घोषित कर सकता है। यूनुस ने सेना और विपक्षी दल बीएनपी के दबाव में फरवरी तक चुनाव कराने का आश्वासन दिया है।
छात्र आंदोलन के बाद छोड़ा था देश
शेख हसीना को 5 अगस्त 2024 को देश छोड़ना पड़ा था, जब सरकारी नौकरी में आरक्षण नीति के खिलाफ शुरू हुआ छात्र आंदोलन हिंसक हो गया। प्रदर्शनों में करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी। हालात बिगड़ने पर सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान की सलाह पर उन्होंने देश छोड़ा। तब से वे कथित रूप से नई दिल्ली में सरकारी सुरक्षा के तहत रह रही हैं।