बांग्लादेश की सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग ने विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) पर अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों का आरोप लगाते हुए गंभीर चिंता व्यक्त की है। पार्टी का कहना है कि बीएनपी समर्थकों द्वारा हिंदू समुदाय के लोगों को डराया-धमकाया जा रहा है और उन्हें देश छोड़ने के लिए विवश किया जा रहा है।

बीएनपी नेता पर घर और मंदिर पर हमले का आरोप

अवामी लीग ने सोशल मीडिया के माध्यम से आरोप लगाया कि बीएनपी के एक नेता शहीदुल इस्लाम और उनके सहयोगियों ने हथियारों के साथ बिजॉय चंद्र रॉय के घर पर हमला किया। बताया गया कि बिजॉय चंद्र रॉय हिंदू समुदाय के विरुद्ध हो रही हिंसा के विरोध में सक्रिय रूप से आवाज उठा रहे थे। यह हमला ठाकुरगांव जिले के रुहिया थाना क्षेत्र स्थित धोलारहाट यूनियन में शनिवार को हुआ।

घटना के दौरान हमलावरों ने न केवल रॉय के घर में तोड़फोड़ की, बल्कि एक स्थानीय मानसा मंदिर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और वहां स्थापित दो मूर्तियों को खंडित कर दिया। इसके अलावा, कई घरों को नुकसान पहुँचाया गया और स्थानीय अल्पसंख्यकों को बांग्लादेश छोड़ने की धमकियाँ दी गईं।

अंतरिम सरकार और यूनुस पर भी निशाना

अवामी लीग ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि उनके कार्यकाल में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार बढ़े हैं। पार्टी का कहना है कि देशभर में हिंदू परिवारों के घरों पर हमले, लूटपाट और आगजनी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जो मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हैं।

पार्टी ने बयान में कहा, "क्या यही बीएनपी का लोकतंत्र है—हिंसा, धमकी और जातीय सफाया? मोहम्मद यूनुस की सरकार में जो कुछ हो रहा है, वह लोकतंत्र नहीं बल्कि फासीवाद है।"

पिछली घटनाओं ने भी बढ़ाई चिंता

हाल ही में ढाका के खिलखेत क्षेत्र में एक दुर्गा मंदिर को गिरा दिया गया, वहीं कुमिला जिले में एक हिंदू महिला के साथ सामूहिक दुर्व्यवहार की घटना ने भी चिंता को और गहरा किया है। इन घटनाओं को लेकर अवामी लीग ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है।