ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चेतावनी के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीनी विदेश मंत्रालय ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा कि टैरिफ लगाने से न तो किसी को लाभ होता है और न ही इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने नियमित प्रेस वार्ता में कहा कि यह केवल अन्य देशों पर दबाव बनाने का हथकंडा है।
ट्रंप ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर स्पष्ट किया था कि अमेरिका की विरोधी नीतियों का समर्थन करने वाले किसी भी देश पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा और इसमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने लिखा, “जो देश ब्रिक्स की अमेरिका विरोधी दिशा का समर्थन करेंगे, उनके लिए यह नीति लागू की जाएगी।”
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अमेरिका की आलोचना
ब्राजील में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल देशों ने ईरान पर अमेरिका और इज़राइल द्वारा किए गए हमलों के साथ-साथ व्यापारिक प्रतिबंधों की आलोचना की थी। इसके बाद ही ट्रंप की ओर से यह चेतावनी सामने आई।
9 जुलाई को समाप्त हो रही टैरिफ पर लगी अस्थायी रोक
अमेरिकी प्रशासन द्वारा टैरिफ से राहत की जो 90 दिनों की छूट दी गई थी, वह 9 जुलाई को खत्म हो रही है। इसको लेकर वैश्विक स्तर पर चिंताएं तेज हो गई हैं। ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इस अस्थायी राहत को आगे नहीं बढ़ाने वाले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 10 से 12 देशों को टैरिफ बढ़ाने संबंधी औपचारिक पत्र हस्ताक्षरित कर दिए गए हैं, जिन्हें सोमवार को भेजा जाएगा।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की थीम और विस्तार
इस बार ब्रिक्स सम्मेलन ब्राजील की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। ब्राजील ने 1 जनवरी 2025 को संगठन की बागडोर संभाली थी। इस बार की थीम रही: “समावेशी और टिकाऊ वैश्विक शासन के लिए ग्लोबल साउथ का सहयोग मजबूत करना।” सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ नए सदस्य देश—मिस्र, इथियोपिया, ईरान, इंडोनेशिया और संयुक्त अरब अमीरात—भी शामिल हुए।