दुनिया के कई देशों में शराब का सेवन आम है, लेकिन चीन ने इस उद्योग से सबसे अधिक राजस्व अर्जित कर दुनिया में अलग पहचान बनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2018 में चीन ने शराब बिक्री से लगभग $285,901 मिलियन (करीब 23.7 लाख करोड़ रुपये) की कमाई की।

शराब बाजार में चीन की बढ़ती पकड़
Grand View Research के आंकड़ों के अनुसार, चीन का अल्कोहलिक ड्रिंक्स मार्केट 2030 तक लगभग $229,566.9 मिलियन (करीब ₹19.1 लाख करोड़) तक पहुँच सकता है। 2025 से 2030 के बीच इस सेक्टर में सालाना औसतन 10.1% की वृद्धि (CAGR) की संभावना है। यह तेजी बढ़ती शहरी आबादी, बदलती जीवनशैली और प्रीमियम ड्रिंक्स की बढ़ती मांग के कारण है।

विशेष रूप से बीयर की बिक्री से 2023 में चीन ने सबसे अधिक कमाई की। वहीं वाइन, स्पिरिट्स और हार्ड सेल्टज़र जैसे नए प्रीमियम पेय भी लोकप्रिय हो रहे हैं।

कंज्यूमर ट्रेंड में बदलाव
चीन में पारंपरिक बाईजिउ (Baijiu) के साथ-साथ प्रीमियम और इम्पोर्टेड ब्रांड्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। 2014 से 2027 के बीच वाइन की आय में लगभग 45% की वृद्धि का अनुमान है। वहीं डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स ने शराब की बिक्री में नई तेजी लाई है, और देश के 55% अल्कोहल उपभोक्ता ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं।

अन्य देशों की स्थिति
शराब केवल चीन तक ही सीमित नहीं है। अमेरिका और भारत में भी इसका व्यापक उपयोग होता है। CIA के आंकड़ों के अनुसार, प्रति व्यक्ति शराब की खपत चीन में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में औसतन 4.48 लीटर है, अमेरिका में 8.93 लीटर और भारत में 3.09 लीटर।

2018 में अमेरिका ने शराब बिक्री से लगभग ₹13.17 लाख करोड़, भारत ने ₹5.63 लाख करोड़, जापान ने ₹3.78 लाख करोड़ और यूके ने ₹2.81 लाख करोड़ की कमाई की।

चीन का यह बाजार न केवल मात्रा में बड़ा है, बल्कि गुणवत्ता और प्रीमियम कैटेगरी के मामले में भी वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।