बांग्लादेश के हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को चटगांव की अदालत ने हत्या के चार मामलों में गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी एक वकील सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या से जुड़ी है, जिन्हें 26 नवंबर 2024 को अज्ञात हमलावरों ने चटगांव कोर्ट में धारदार हथियार से हमला कर मार डाला था। इस हमले को चिन्मय दास की रिहाई के लिए आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान अंजाम दिया गया था। दास को 25 नवंबर 2024 को ढाका एयरपोर्ट से देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बांग्लादेश हाई कोर्ट ने 30 अप्रैल 2025 को चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में जमानत दी थी, लेकिन इसके तुरंत बाद सरकार ने इस आदेश पर रोक लगाने के लिए चैंबर कोर्ट में आवेदन दायर किया था। चैंबर कोर्ट ने जमानत पर रोक नहीं लगाई, लेकिन मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की थी।
दूसरी ओर, चिन्मय दास के वकील अपूर्बा कुमार भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि चटगांव कोर्ट में एकतरफा सुनवाई की गई, जिसमें दास के पक्ष का कोई भी वकील पेश नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि दास के खिलाफ लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं। भट्टाचार्य ने यह भी दावा किया कि दास के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का कोई ठोस आरोप नहीं है और उनका भाषण देशद्रोह का संकेत नहीं देता है।
चिन्मय कृष्ण दास, जो बांग्लादेश सनातनी जागरण जोते के प्रवक्ता और इस्कॉन के पूर्व नेता हैं, पर देशद्रोह के आरोप हैं। हालांकि, उनके वकील ने कहा कि सभी दस्तावेज़ों के साथ कोर्ट में उनका पक्ष रखा गया था और जमानत मिलने पर उन्हें उम्मीद है कि चटगांव की जेल से जल्द रिहा कर दिया जाएगा।