लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दक्षिणी अमेरिकी देश कोलंबिया की ईआईए यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के छात्रों को संबोधित करते हुए भारत के समक्ष लोकतंत्र पर हो रहे हमलों को सबसे गंभीर चुनौती बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भारत जैसे बहुआयामी देश को लोकतंत्र की सबसे ज्यादा आवश्यकता है, लेकिन आज यह व्यवस्था अनेक दिशा से दबाव में है।
राहुल गांधी ने भारत की तुलना चीन से करते हुए कहा कि दोनों देशों के राजनीतिक ढांचे में मूलभूत फर्क है। चीन केंद्रीकृत और सिंगल सिस्टम पर काम करता है, जबकि भारत एक विकेन्द्रीकृत व्यवस्था है जहाँ भाषाई, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा, "भारत का लोकतंत्र जटिल है, लेकिन यही इसकी मजबूती भी है। हम चीन की तरह तानाशाही नहीं चला सकते। हमारे लोकतंत्र को सभी को समान सम्मान देना होगा।"
विपक्ष नेता ने जोर दिया कि भारत में अलग-अलग धर्म, भाषाएं और परंपराएं एक साथ रहती हैं और यही संवाद लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने चेताया कि यदि इस विविधता को दबाया गया तो देश में सामाजिक दरारें बढ़ेंगी जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
ऊर्जा संक्रमण को लेकर राहुल गांधी ने इतिहास के उदाहरण दिए। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन और अमेरिका ने ऊर्जा के नए स्रोतों को अपनाकर वैश्विक ताकत हासिल की। अब दुनिया पेट्रोलियम से बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर की तरफ बढ़ रही है, जहां अमेरिका और चीन के बीच प्रतिस्पर्धा है, और भारत इस टकराव के बीच एक अहम भूमिका निभा सकता है।
राहुल गांधी ने भारत की चुनौतियों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या चीन से ज्यादा है और इसकी विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है। साथ ही भारत की प्राचीन आध्यात्मिक विरासत दुनिया के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। परन्तु सबसे बड़ी समस्या रोजगार है। उन्होंने कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था सेवा-क्षेत्र पर निर्भर है, इसलिए पर्याप्त नौकरियां और उत्पादन नहीं हो पा रहा। चीन ने बिना लोकतंत्र के उत्पादन बढ़ाया, लेकिन भारत को लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ ऐसा मॉडल विकसित करना होगा जो चीन से मुकाबला कर सके।"
अमेरिका के हालिया राजनीतिक माहौल का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की राजनीति खासकर उन बेरोजगारों को निशाना बनाती है जिनकी नौकरियां विनिर्माण क्षेत्र से खत्म हुई हैं। उन्होंने चेताया कि भारत में भी बेरोजगारी गंभीर समस्या है और इसे बिना हल किए लोकतंत्र और समाज पर दबाव और बढ़ेगा।