संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के निदेशक क्रिश पटेल को सीनेट की न्यायपालिका समिति के सामने सवालों का सामना करना पड़ेगा। डेमोक्रेट सांसद उनसे चार्ली किर्क हत्या की जांच और एजेंसी में वरिष्ठ अधिकारियों की बर्खास्तगी को लेकर कड़े सवाल पूछ सकते हैं। इन अधिकारियों ने पटेल पर राजनीतिक आधार पर कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
पटेल अभी एफबीआई प्रमुख के पद पर नए हैं, लेकिन उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है। समिति के सामने उन्हें यह साबित करना होगा कि बढ़ती राजनीतिक हिंसा और एफबीआई के अंदरूनी असंतोष के बीच वह इस पद के लिए उपयुक्त हैं। जनवरी में भी पटेल ने समिति को आश्वासन दिया था कि वे राजनीतिक बदले की कार्रवाई नहीं करेंगे। अब यह पूछा जाएगा कि क्या उन्होंने अपने आश्वासन का पालन किया।
पिछले महीने एफबीआई ने पांच एजेंटों और वरिष्ठ अधिकारियों को बर्खास्त किया, जिससे विभाग में असंतोष फैल गया। इन बर्खास्त अधिकारियों में से तीन ने संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है। उनका आरोप है कि पटेल को पता था कि यह बर्खास्तगी अवैध ठहराई जा सकती थी, लेकिन उन्होंने अपने पद को सुरक्षित रखने के लिए कार्रवाई की। इनमें से एक अधिकारी छह जनवरी 2021 के कैपिटल हिल दंगों की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।
सीनेट में रिपब्लिकन सांसद बहुमत में होने के कारण पटेल का समर्थन कर सकते हैं। उन्हें चार्ली किर्क हत्या की जांच और सोशल मीडिया पर संदिग्ध की तस्वीर जारी करने के निर्णय को लेकर भी जवाब देना पड़ सकता है। ट्रंप ने इस मामले में पटेल और एफबीआई की तारीफ की थी।
डेमोक्रेट सांसद यह भी पूछ सकते हैं कि क्या पटेल एफबीआई का राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं, विशेषकर ट्रंप से जुड़ी पुरानी जांचों को फिर से खोलने के मामले में। पटेल ने कहा है कि पूर्व अधिकारियों ने एफबीआई और न्याय विभाग को राजनीतिक हथियार बनाने में योगदान दिया।