पाकिस्तान में एक बार फिर साल 2022 जैसी भयावह बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। देश के आपदा प्रबंधन विभाग ने चेतावनी दी है कि मूसलाधार बारिश के कारण ग्लेशियर से बनी झीलें भर गई हैं और उनके टूटने की आशंका बढ़ गई है। यदि ऐसा होता है तो यह गंभीर तबाही का कारण बन सकता है।
तेज बारिश ने बढ़ाया खतरा
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के प्रवक्ता अनवर शहजाद के मुताबिक, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में भारी मानसून वर्षा हो रही है। मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि बारिश के चलते ग्लेशियल लेक ओवरफ्लो कर सकती है और इससे अचानक बाढ़ आ सकती है। माह की शुरुआत में ही विशेषज्ञों ने यह चेताया था कि गर्म मौसम के कारण ग्लेशियरों के पिघलने की गति काफी तेज हो चुकी है।
अधिकारियों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के कारण देश में न सिर्फ बर्फीली झीलें अस्थिर हो गई हैं, बल्कि इसके चलते लोगों के घर, आधारभूत ढांचे, कृषि क्षेत्र और उद्योगों को भी नुकसान पहुंच रहा है। कई इलाके पहले ही बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जहां राहत और बचाव कार्य के लिए हेलीकॉप्टर और मशीनरी तैनात की गई है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी की जा रही है।
जलवायु परिवर्तन बना आपदाओं का कारण
ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की सबसे ज्यादा मार झेलने वाले देशों में पाकिस्तान भी शामिल है। वर्ष 2022 की विनाशकारी बाढ़ में जहां 1,700 से अधिक लोगों की जान चली गई थी, वहीं करीब 3 करोड़ से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे। इस साल भी अब तक प्राकृतिक आपदाओं में 260 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।