पूर्व अमेरिकी अधिकारी जॉन केरी ने ट्रंप की भारत नीतियों की कड़ी आलोचना की

भारत और अमेरिका के बिगड़ते रिश्तों को लेकर ओबामा प्रशासन में विदेश मंत्री रहे जॉन केरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केरी ने कहा कि बिना किसी कूटनीतिक प्रयास के अल्टीमेटम देना महानता नहीं है और दोनों देशों के बीच तनाव बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच टकराव सही नहीं है और बड़े राष्ट्र कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान करते हैं। केरी ने कहा कि ओबामा प्रशासन के दौरान बातचीत सहयोग और सम्मान के साथ होती थी, लेकिन वर्तमान में अधिक आदेश, दबाव और धक्का-मुक्की देखने को मिल रही है।

केरी ने उम्मीद जताई कि भारत और अमेरिका मिलकर व्यापार विवाद सुलझा लेंगे। उन्होंने भारत की ओर से किए गए प्रस्तावों की सराहना करते हुए कहा कि पीएम मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल उनके मित्र हैं और भारत ने कई अमेरिकी आयातों पर शून्य टैरिफ की पेशकश की, जो बड़ा बदलाव है।

इससे पहले व्हाइट हाउस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी जॉन बोल्टन ने भी ट्रंप की नीति की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि रूस से तेल खरीद पर भारत पर टैरिफ लगाए जाने और चीन पर न लगाए जाने से भारत को चीन-रूस गठबंधन की ओर धकेलने का खतरा पैदा हुआ।

अमेरिकी विदेश नीति विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पैडिला और अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स ने भी भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की नीतियों को अनुचित और रणनीतिक रूप से नुकसानदायक बताया। सैक्स ने इसे अमेरिकी विदेश नीति में सबसे मूर्खतापूर्ण कदम करार दिया।

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