पाकिस्तान को लंबे समय से आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह माना जाता रहा है, लेकिन वहां की सरकार और नेतृत्व इस सच्चाई को स्वीकार करने से लगातार इनकार करते आए हैं। हालांकि समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इसको लेकर प्रमाण सामने आते रहते हैं। हाल ही में पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार का एक इंटरव्यू इसी मुद्दे को लेकर चर्चा में आ गया, जिसमें उन्होंने एक झूठे दावे से खुद को असहज स्थिति में डाल दिया।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर फंसीं पाकिस्तान की पूर्व मंत्री
अल जज़ीरा न्यूज चैनल को दिए गए साक्षात्कार में हिना रब्बानी खार ने दावा किया कि भारत के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद मारे गए आतंकियों के जनाज़े में नमाज अदा करने वाला अब्दुल रऊफ कोई आतंकी नहीं, बल्कि आम नागरिक है। पत्रकार ने इसके जवाब में एक तस्वीर दिखाई, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े और हाफिज सईद के करीबी माने जाने वाले आतंकी अब्दुल रऊफ को जनाजे की नमाज अदा करते हुए साफ देखा जा सकता है। उसके पीछे पाकिस्तान की सेना और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
पत्रकार ने पेश किए ठोस प्रमाण
पत्रकार ने इंटरव्यू के दौरान बताया कि जिस शख्स को हिना आम नागरिक बता रही हैं, वह अमेरिका द्वारा नामित आतंकी है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तानी सेना ने स्वयं इस संदर्भ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति की पहचान सार्वजनिक की थी। यहां तक कि सेना द्वारा साझा की गई राष्ट्रीय पहचान संख्या अमेरिकी रिकॉर्ड में मौजूद अब्दुल रऊफ की आईडी से मेल खाती है।
बचाव में दोहराया पुराना रुख
इन तथ्यों के सामने आने पर हिना रब्बानी असहज नजर आईं, लेकिन उन्होंने अपने पहले के दावे को दोहराते हुए कहा कि “ऐसे नाम पाकिस्तान में लाखों लोगों के हो सकते हैं, और यह व्यक्ति एक आम नागरिक है।” उनके इस बयान से एक बार फिर पाकिस्तान की छवि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल खड़े हो गए हैं।