पश्चिमी एशिया में हालात फिर तनावपूर्ण होते जा रहे हैं। यमन के हूती विद्रोहियों ने लाल सागर (रेड सी) में व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना तेज कर दिया है, जिससे इस क्षेत्र में समुद्री गतिविधियाँ गंभीर खतरे में आ गई हैं। बीते एक सप्ताह में हूती हमलों के चलते दो मालवाहक पोत डूब चुके हैं। ऐसे में जहाज अब अपने पब्लिक ट्रैकिंग सिस्टम पर यह उल्लेख कर रहे हैं कि उनका कोई इजराइल से संबंध नहीं है, या उनके चालक दल मुस्लिम हैं—ताकि हमलों से बचा जा सके।

धार्मिक पहचान बन रही सुरक्षा की ढाल

जहाजों के सार्वजनिक प्रोफाइल्स में अब इस तरह के संदेश देखे जा रहे हैं—"सभी क्रू मुस्लिम हैं" या "इस जहाज का इजराइल से कोई वास्ता नहीं है"। यह स्थिति दिखाती है कि जहाज किस हद तक खुद को सुरक्षित रखने के उपाय आजमा रहे हैं। कुछ पोत यह भी जता रहे हैं कि उनकी पूरी टीम और संचालन चीनी हैं तथा वे इजराइली व्यापार से दूर हैं।

इजराइल समर्थक माल ढोने वालों को चेतावनी

हूती नेता अब्दुल मलिक अल-हूती ने खुले तौर पर चेतावनी दी है कि जो भी कंपनी इजराइल से जुड़ा माल ले जा रही होगी, उसका जहाज डुबो दिया जाएगा। यह धमकी ऐसे समय आई है जब हूती हमलों ने समुद्री मार्गों पर वास्तविक खतरा खड़ा कर दिया है।

हमलों की ताज़ा घटनाएं

6 जुलाई को लाइबेरियाई झंडे वाले "मैजिक सीज" जहाज पर ड्रोन और रॉकेट ग्रेनेड से हमला किया गया, जिससे वह समुद्र में समा गया। जहाज का संचालन ग्रीस की एक कंपनी करती थी। इसके बाद 9 जुलाई को "इटर्निटी C" नामक जहाज पर हमला हुआ, जिसमें 10 लोगों को बचा लिया गया, जबकि 4 की मौत और 11 अब भी लापता हैं।

क्यों गहराता जा रहा है संकट

हूती हमले सिर्फ तात्कालिक खतरा नहीं हैं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी गंभीर चिंता बन चुके हैं। रेड सी, एशिया और यूरोप को जोड़ने वाला सबसे छोटा समुद्री मार्ग है। वैश्विक समुद्री व्यापार का लगभग 15% इसी रूट से होता है। हर साल करीब 1 ट्रिलियन डॉलर का व्यापार इस मार्ग से होता है और तेल की आपूर्ति के लिए यह क्षेत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

अगर बंद हो गया यह रूट?

यदि रेड सी से होकर जाने वाला रास्ता अस्थायी रूप से भी बंद होता है, तो जहाजों को अफ्रीका के "केप ऑफ गुड होप" से होकर लंबा चक्कर लगाना होगा, जिससे यात्रा की अवधि 10 से बढ़कर 20–23 दिन हो जाएगी। साथ ही करीब 8000 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे न केवल परिवहन लागत कई गुना बढ़ेगी बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं भी बुरी तरह प्रभावित होंगी।

इजराइल की सख्त प्रतिक्रिया और आगे की चुनौती

इजराइल इन हमलों को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। "ऑपरेशन ब्लैक फ्लैग" के तहत इजराइली बल यमन में हूती ठिकानों को लगातार निशाना बना रहे हैं। हालात अगर इसी तरह बिगड़ते रहे तो निकट भविष्य में दोनों पक्षों के बीच बड़ा सैन्य टकराव देखने को मिल सकता है।