काराकस। वेनेजुएला की प्रमुख विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने इतिहास रचते हुए नोबेल शांति पुरस्कार जीता है। मचाडो को यह सम्मान उनके लोकतांत्रिक बदलाव और मानवाधिकारों की रक्षा के प्रयासों के लिए दिया गया है। पुरस्कार जीतने के बाद मचाडो ने इसे वेनेजुएला के लोगों के स्वतंत्रता संग्राम की मान्यता करार देते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका को भी इसका श्रेय दिया।

‘यह पुरस्कार राष्ट्रपति ट्रंप को समर्पित’
मचाडो ने अपने पहले बयान में कहा कि यह पुरस्कार वेनेजुएला के पीड़ित लोगों और उनके उद्देश्यों के प्रति समर्थन के लिए ट्रंप और अमेरिकी जनता को समर्पित करती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता की दिशा में हम राष्ट्रपति ट्रंप, अमेरिका, लैटिन अमेरिका और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों पर भरोसा करते हैं।

आयरन लेडी के नाम से मशहूर
‘आयरन लेडी’ के नाम से जानी जाने वाली मचाडो को टाइम पत्रिका की ‘2025 के 100 सबसे प्रभावशाली लोग’ की सूची में भी शामिल किया गया है। उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सुमाते नामक संगठन की स्थापना की, जो मुफ्त और निष्पक्ष चुनावों की मांग करता है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में मचाडो विपक्ष की उम्मीदवार थीं, लेकिन वेनेजुएला सरकार ने उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी।

नोबेल समिति की सराहना
नोबेल समिति ने मचाडो को एक साहसी और प्रतिबद्ध शांति समर्थक के रूप में सराहा, जिन्होंने बढ़ते अंधकार के बीच लोकतंत्र की लौ जलाए रखी। समिति ने कहा कि वेनेजुएला में तानाशाही से लोकतंत्र में न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण बदलाव लाने के उनके प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।