दिल्ली। यरुशलम से प्रकाशित खबर के अनुसार वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत और इजरायल के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में उन वस्तुओं पर व्यापार समझौता किया जाएगा, जिनमें दोनों देशों को कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद दूसरे चरण में शेष वस्तुओं और सेवाओं पर चर्चा कर समझौता पूर्ण किया जाएगा।
गोयल ने कहा कि इजरायल भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने दो दिन पहले अधिसूचित श्रम संहिता पर प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि यह कदम भारत में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा और देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने में मदद करेगा।
संभावित लाभ और अवसर
श्रम संहिता के लागू होने से नए निवेश में वृद्धि होगी, जिससे एमएसएमई सेक्टर को फायदा होगा। भारत इजरायल से उच्च तकनीक हासिल कर अपनी उत्पादकता बढ़ाने और अनुसंधान व विकास में सुधार करने का इच्छुक है।
वाणिज्य आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में भारत का इजरायल को निर्यात 2023-24 के 4.52 अरब डॉलर से घटकर 2.14 अरब डॉलर रह गया, जबकि आयात 26.2 प्रतिशत घटकर 1.48 अरब डॉलर रहा। भारत एशिया में इजरायल का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच प्रमुख व्यापारिक वस्तुएं डायमंड, पेट्रोलियम उत्पाद और केमिकल हैं। वहीं इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी, हाई-टेक उत्पाद, कम्युनिकेशन सिस्टम और मेडिकल उपकरण जैसे क्षेत्रों में भी व्यापार बढ़ रहा है।
भारत इजरायल को मोती, कीमती पत्थर, ऑटोमोटिव डीजल, केमिकल, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट, प्लास्टिक, टेक्सटाइल, कपड़े, बेस मेटल, ट्रांसपोर्ट इक्विपमेंट और कृषि उत्पाद निर्यात करता है।
एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन और वैकल्पिक बाजार
गोयल ने बताया कि 25,000 करोड़ रुपये के इंसेंटिव वाले एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की गाइडलाइन जल्द जारी की जाएगी। अमेरिकी शुल्क के कारण प्रभावित सेक्टरों के लिए वैकल्पिक बाजार मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए, समुद्री उत्पादों, विशेषकर झींगे का निर्यात यूरोपीय यूनियन और रूस में बढ़ाने के लिए समझौते किए गए हैं।
इजरायल की मेट्रो परियोजना में भारतीय कंपनियों को मौका
इजरायल की 50 अरब डॉलर की मेट्रो परियोजना में 300 किलोमीटर की लाइन बनाने के लिए भारत की कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। गोयल ने बताया कि भारत की मेट्रो परियोजनाओं में सफलता के कारण इजरायली पक्ष ने यह अवसर दिया है।
गोयल ने यह भी कहा कि दुनिया के दर्जनभर देशों के साथ व्यापार समझौतों की समयसीमा अलग-अलग होती है और समझौते उसी अनुसार पूरे किए जाते हैं।