दुबई में रहने वाले भारतीय मूल के एक व्यापारी की सोशल मीडिया पोस्ट इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। उन्होंने बताया कि उनके एक परिचित को ड्राइविंग के दौरान दिशा बदलते समय इंडिकेटर न लगाने पर 1,000 दिरहम यानी करीब ₹25,000 का चालान भरना पड़ा। इस घटना ने इंटरनेट पर ट्रैफिक नियमों की सख्ती को लेकर बहस छेड़ दी है।

सोशल मीडिया पर शुरू हुई बहस
सौमेंद्र जेना नामक इस कारोबारी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “दुबई में मेरे एक दोस्त को सिर्फ इंडिकेटर नहीं लगाने के लिए 25,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ा। अगर भारत में ऐसे नियम लागू हो जाएं, तो सड़कों पर अनुशासन आ सकता है।” उनके साथ साझा किए गए स्क्रीनशॉट में दुबई पुलिस द्वारा जारी चालान की प्रति दिखी, जिसमें “इंडिकेटर न लगाने या गलत ओवरटेक” करने पर जुर्माना दर्ज था।

भारतीय यूजर्स की प्रतिक्रिया
पोस्ट वायरल होते ही भारतीय यूजर्स ने इस पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं। कई लोगों ने लिखा कि भारत में इतने भारी जुर्माने से ट्रैफिक सुधरने के बजाय रिश्वतखोरी बढ़ जाएगी। एक यूजर ने टिप्पणी की, “अगर भारत में 25,000 का चालान लगा, तो आधे लोग तो दिवालिया हो जाएंगे, क्योंकि ज़्यादातर लोन पर गाड़ी चला रहे हैं।”

कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि भारत में पहले जब ट्रैफिक जुर्माना बढ़ाया गया था, तो पुलिसकर्मियों ने रिश्वत की रकम भी बढ़ा दी थी।

‘दुबई में सख्ती संभव, क्योंकि व्यवस्था मजबूत’
दुबई की सख्ती पर कई लोगों ने उसकी सुव्यवस्थित ट्रैफिक व्यवस्था की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, “दुबई में चौड़ी सड़कें, साफ संकेत और 24 घंटे काम करने वाले सिग्नल हैं, इसलिए वहां सख्त नियम लागू हो सकते हैं।” वहीं, एक अन्य यूजर ने कहा, “भारत में सड़कें और सिस्टम दोनों सुधारने की जरूरत है, तभी नियमों की सख्ती कारगर होगी।”

क्या भारत तैयार है ऐसे नियमों के लिए?
दुबई की यह घटना भारतीय सोशल मीडिया पर सोचने का विषय बन गई है। कई लोगों का मानना है कि अगर भारत में भी ट्रैफिक कानूनों को समान सख्ती से लागू किया जाए, तो सड़क हादसों और अराजकता में कमी आ सकती है। हालांकि, सवाल यह भी है कि क्या देश का सिस्टम और नागरिक इतने सख्त अनुशासन के लिए तैयार हैं?