आयरलैंड में भारतीय व्यक्ति पर नस्लीय हमला, चाकू से हमले के चार और मामले सामने आए

आयरलैंड की राजधानी डबलिन में नस्लीय नफरत से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। यहां एक 40 वर्षीय भारतीय व्यक्ति पर एक उग्र भीड़ ने हमला कर दिया। हमलावरों ने न केवल उसे बेरहमी से पीटा, बल्कि उसके कपड़े भी फाड़ दिए। पीड़ित के चेहरे, हाथ और पैरों पर गहरे घाव थे और वह खून से लथपथ हालत में पाया गया।

घटना के पीछे यह झूठा आरोप लगाया गया कि पीड़ित ने बच्चों के सामने अनुचित व्यवहार किया था, जिसे स्थानीय पुलिस ने सिरे से खारिज कर दिया है। आयरिश पुलिस (गार्डा) इस हमले की जांच घृणा अपराध (हेट क्राइम) के तौर पर कर रही है।

चार दिन में चार भारतीयों पर हमले

घटनास्थल पर मौजूद एक महिला प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि यह गिरोह बीते चार दिनों में चार भारतीयों को अपना निशाना बना चुका है। उनके मुताबिक, ये किशोर आपराधिक मंशा से मोहल्लों में घूमते हैं और राह चलते भारतीयों के चेहरे पर चाकू से हमला करते हैं।

खून से लथपथ मिला पीड़ित, महिला ने बचाया

घटना 19 जुलाई की शाम डबलिन के टैलाघ्ट इलाके की है, जहां पार्क हिल रोड पर एक व्यक्ति घायल अवस्था में मिला। गार्डा के अनुसार, उन्हें शाम के समय इस बाबत सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को टैलाघ्ट यूनिवर्सिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन, 20 जुलाई को पीड़ित को छुट्टी दे दी गई।

एक स्थानीय महिला, जिसने हमले को अपनी आंखों से देखा, का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उसने बताया कि जब वह अपने ससुराल जा रही थी, तब 13 लोगों की भीड़ — जिनमें एक महिला भी शामिल थी — उस भारतीय व्यक्ति को घेरकर पीट रही थी। महिला के अनुसार, हमलावरों के हाथ में ऐसे दस्ताने थे जिनमें ब्लेड लगे थे। इनसे वार कर व्यक्ति का सिर फाड़ दिया गया था। पीड़ित की हालत इतनी खराब थी कि उसे ढकने के लिए महिला ने कंबल दिया और प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस को सूचना दी। जानकारी के अनुसार, वह व्यक्ति महज एक सप्ताह पहले ही आयरलैंड पहुंचा था।

पुलिस ने खारिज किए झूठे आरोप

गार्डा ने स्पष्ट किया है कि भारतीय नागरिक पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने बताया कि हमलावरों ने जानबूझकर उस पर बच्चों के सामने अनुचित व्यवहार करने का झूठा इल्जाम लगाया, जिसे कुछ दक्षिणपंथी और प्रवासी-विरोधी सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए ऑनलाइन फैलाया गया। पुलिस ने इन दावों को जांच के बाद बेबुनियाद बताया।

न्याय मंत्री ने दिया बयान

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए आयरलैंड के न्याय मंत्री जिम ओ’कैलाघन ने कहा कि कुछ लोग आप्रवासियों को अपराधों के लिए दोषी ठहराने की प्रवृत्ति रखते हैं, जो तथ्यों पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा कि जेलों में बंद विदेशी नागरिकों का अनुपात देश में उनकी कुल आबादी के अनुपात से कम है, इसलिए यह धारणा गलत है कि प्रवासी अधिक अपराध करते हैं।

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