अमेरिका के प्रमुख महानगर न्यूयॉर्क में डेमोक्रेटिक पार्टी ने मेयर चुनाव में शानदार जीत दर्ज की है। पार्टी के उम्मीदवार और भारतीय मूल के जोहरान ममदानी ने अपने प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू कुओमो को कड़ी टक्कर देते हुए पराजित किया। दिलचस्प बात यह है कि कुओमो को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन हासिल था, इसके बावजूद वे जीत नहीं पाए। इस जीत के साथ जोहरान ममदानी न्यूयॉर्क सिटी के पहले मुस्लिम और भारतीय-अमेरिकी मेयर के रूप में शपथ लेंगे।

पूर्व गवर्नर एंड्रयू कुओमो पिछले कुछ वर्षों से यौन उत्पीड़न के आरोपों में विवादों में रहे हैं। इन्हीं आरोपों के चलते उन्हें चार साल पहले गवर्नर पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं, मौजूदा मेयर एरिक एडम्स ने इस बार भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन वे प्रभाव नहीं दिखा पाए।

कैसे मिली ममदानी को ऐतिहासिक जीत
एंड्रयू कुओमो का राजनीतिक अनुभव, लोकप्रियता और मजबूत फंडिंग नेटवर्क उनके पक्ष में माना जा रहा था, लेकिन जोहरान ममदानी ने जमीनी मुद्दों पर चुनाव केंद्रित कर मतदाताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने न्यूयॉर्क में बढ़ती जीवन-यापन की लागत, आवास संकट और आर्थिक असमानता को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाया। ममदानी को चुनाव के दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रगतिशील नेताओं—एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज़ और बर्नी सैंडर्स—का भी समर्थन मिला।

कौन हैं जोहरान ममदानी
जोहरान ममदानी मूल रूप से भारतीय परिवार से हैं। उनके पिता प्रसिद्ध लेखक महमूद ममदानी हैं, जबकि मां जानी-मानी फिल्म निर्देशक मीरा नायर हैं। जोहरान का जन्म युगांडा की राजधानी कंपाला में हुआ था और बचपन में ही उनका परिवार न्यूयॉर्क आकर बस गया। वर्ष 2018 में उन्हें अमेरिकी नागरिकता प्राप्त हुई। राजनीति में आने से पहले वे सामाजिक कार्यों और काउंसलिंग से जुड़े रहे।

चुनाव प्रचार के दौरान ममदानी ने वादा किया कि वे शहर के सबसे अमीर एक प्रतिशत नागरिकों पर अतिरिक्त टैक्स लगाकर उस राशि से मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के लिए सस्ते आवास और बेहतर जीवन-स्तर सुनिश्चित करेंगे। न्यूयॉर्क दुनिया के सबसे महंगे शहरों में गिना जाता है, ऐसे में उनकी यह नीति आम नागरिकों के बीच खासा लोकप्रिय हुई।