रविवार तड़के अमेरिका द्वारा ईरान के फोर्डो परमाणु केंद्र पर किए गए हवाई हमले में भारी नुकसान की पुष्टि हुई है। हाल ही में सामने आई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि यह केंद्र, जो एक पहाड़ के भीतर गहराई में स्थित था, अब बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अमेरिकी वायुसेना ने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से हमले को अंजाम दिया, जिसमें 30,000 पाउंड वजनी बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया गया।
पहाड़ के भीतर स्थित फोर्डो को भारी क्षति
तस्वीरों से स्पष्ट हुआ है कि जिस पहाड़ी संरचना में फोर्डो केंद्र छिपा हुआ था, वह भी हमले की चपेट में आ गई है। खासकर प्रवेश द्वार और सुरंगें नष्ट हो गई हैं, जिससे ईरान के लिए अब वहां पहुंचना और क्षति का मूल्यांकन करना बेहद कठिन हो सकता है।
क्यों महत्वपूर्ण था फोर्डो केंद्र?
फोर्डो परमाणु सुविधा को पहाड़ काटकर करीब 80-90 मीटर गहराई में तैयार किया गया था। यहां 2700 सेंट्रीफ्यूज लगाए गए थे, जो 60 प्रतिशत तक यूरेनियम संवर्धन में सक्षम माने जाते थे। जानकारों का कहना है कि इस क्षमता के जरिए ईरान तीन हफ्तों में नौ परमाणु हथियार तैयार करने में सक्षम हो सकता था।
ट्रंप की कड़ी चेतावनी
हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तीखा संदेश देते हुए कहा कि ईरान के पास अब भी शांति का रास्ता चुनने का विकल्प है, लेकिन अगर वह युद्ध जारी रखता है, तो अंजाम और भी गंभीर होंगे। उन्होंने कहा, “यह संघर्ष अब और नहीं चल सकता। या तो अब शांति स्थापित होगी, या फिर बर्बादी का रास्ता खुलेगा।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि अब भी कई लक्ष्य बाकी हैं और यदि ईरान ने कोई जवाबी कार्रवाई की, तो अमेरिका बिना देरी के सटीक और घातक हमले करेगा। उन्होंने इसे हालिया दिनों का सबसे कठिन और संभावित रूप से सबसे विनाशकारी रात बताया।