मध्य-पूर्व के देशों में अक्सर चर्चा में रहने वाला ईरान इस बार किसी युद्ध या परमाणु कार्यक्रम के कारण नहीं, बल्कि एक असामान्य घटना की वजह से सुर्खियों में है। राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन को तबरीज की आधिकारिक यात्रा के दौरान निजी टैक्सी का सहारा लेना पड़ा, जब उनके काफिले की तीन गाड़ियां अचानक खराब हो गईं।
डीजल की जगह भरा गया दूषित पानी
ईरान इंटेल की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति की आधिकारिक गाड़ी में डीजल की जगह दूषित पानी मिश्रित ईंधन पाया गया। राष्ट्रपति के विशेष निरीक्षक मुस्तफा मोलावी ने बताया कि काफिले में शामिल तीनों गाड़ियों ने काज्विन प्रांत के ताकेस्तान क्षेत्र के पास एक गैस स्टेशन से ईंधन भरवाया था। कुछ ही दूरी तय करने के बाद सभी गाड़ियां खराब हो गईं। जांच के बाद पता चला कि ईंधन में पानी की मिलावट थी।
बिना किसी को बताए आगे बढ़े राष्ट्रपति
इस तकनीकी खराबी के बावजूद राष्ट्रपति पेजेश्कियन ने स्थानीय प्रशासन या गवर्नर से कोई सहायता नहीं ली। उन्होंने खुद ही निजी टैक्सी की व्यवस्था की और तबरीज की यात्रा पूरी की। मोलावी के अनुसार, यह वही गैस स्टेशन है जिसकी गुणवत्ता को लेकर पहले भी शिकायतें की जा चुकी हैं।
ईंधन आपूर्ति कंपनी की पुष्टि
नेशनल ईरानियन ऑयल प्रोडक्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (NIOPDC) ने इस बात की पुष्टि की है कि संबंधित पेट्रोल पंप के खिलाफ पहले भी ईंधन की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें दर्ज की गई थीं। हालांकि राष्ट्रपति कार्यालय और पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
ईरान में ईंधन मिलावट एक आम समस्या
ईंधन में मिलावट ईरान में लंबे समय से एक गंभीर चुनौती रही है। वाहन मालिक अक्सर पेट्रोल की गुणवत्ता, मात्रा में हेराफेरी और पंपों की धोखाधड़ी को लेकर शिकायत करते रहे हैं। 2021 में तत्कालीन तेल मंत्री बिजान ज़ंगानेह ने बताया था कि हर वर्ष करीब 400 से अधिक गैस स्टेशन मालिकों पर उपभोक्ताओं को ठगने और ईंधन मिलावट जैसे मामलों में कानूनी कार्रवाई की जाती है।
उत्पादन और मांग में बढ़ता अंतर
एक हालिया रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि देश में ईंधन की मांग और उत्पादन के बीच असंतुलन लगातार बढ़ रहा है। 2024 में ईरान ने औसतन 101 मिलियन लीटर बेस गैसोलीन का उत्पादन किया, लेकिन आवश्यकता पूरी करने के लिए उसमें 20 मिलियन लीटर पेट्रोकेमिकल गैसोलीन मिलाया गया। इस मिलावट पर विशेषज्ञों ने गुणवत्ता और पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंता जाहिर की है।