जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने संकेत दिया है कि वे अमेरिका के साथ टैरिफ (आयात शुल्क) संबंधी समझौते की समीक्षा के बाद अपने पद से इस्तीफा देने पर विचार करेंगे। यह बयान ऐसे समय आया है जब हालिया चुनाव में उनकी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है, जिससे उनके इस्तीफे की मांग तेज हो गई है।
गत रविवार को हुए उच्च सदन के चुनाव में इशिबा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी और सहयोगी दल कोमितो को बहुमत हासिल नहीं हो पाया। इससे पहले अक्टूबर में निचले सदन में भी गठबंधन ने अपना बहुमत गंवा दिया था। अब दोनों सदनों में बहुमत से बाहर होने के कारण सरकार के लिए नीतिगत फैसले लेना और कठिन हो गया है, जिससे जापान में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ने की आशंका है।
हालांकि, सोमवार को इशिबा ने यह स्पष्ट किया था कि वे तत्काल इस्तीफा नहीं देंगे और अमेरिका के साथ जारी टैरिफ वार्ता जैसे प्रमुख मुद्दों पर काम पूरा करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे, ताकि देश में नेतृत्व का शून्य न बने। इसके बावजूद पार्टी के भीतर और बाहर से उन पर दबाव बढ़ता गया कि वे तत्काल पद छोड़ें।
जापानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब जब अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौता हो चुका है, तो इशिबा जल्द ही अगस्त में इस्तीफा देने की घोषणा कर सकते हैं। बुधवार को उन्होंने इस समझौते का स्वागत किया, जिसके तहत अमेरिका में जापानी कारों और अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 25 प्रतिशत था।
प्रधानमंत्री इशिबा ने इसे कठिन लेकिन सफल वार्ता का नतीजा बताया, जो दोनों देशों के हित में है और इससे रोजगार और निवेश में वृद्धि होगी। हालांकि इस्तीफे को लेकर उन्होंने कोई निश्चित समयसीमा नहीं बताई, सिर्फ इतना कहा कि वह पहले इस समझौते की पूरी समीक्षा करेंगे।