पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल में भारत पर टिप्पणी करते हुए यह दावा किया कि मुगल बादशाह औरंगजेब के शासनकाल को छोड़कर भारतीय उपमहाद्वीप कभी भी पूर्ण रूप से एकसाथ नहीं रहा। उन्होंने भारत के साथ युद्ध की संभावनाओं का भी संकेत दिया और कहा कि इस खतरे को नकारा नहीं जा सकता।

समाचार चैनल Samaa TV को दिए गए साक्षात्कार में ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान अपनी मजबूरी और विश्वास के साथ बना था और घरेलू मतभेदों के बावजूद यदि युद्ध जैसी स्थिति पैदा हुई तो देश एकजुट हो जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे तनाव बढ़ाना नहीं चाहते, पर युद्ध का जोखिम वास्तविक है और अगर ऐसी स्थिति आई तो पाकिस्तान बेहतर नतीजे हासिल करने का प्रयास करेगा।

उनके बयान के मद्देनजर सैन्य तैयारियों और रणनीतिक सतर्कता पर बहस भी तेज हुई है। ख्वाजा आसिफ के कड़े शब्दों से कुछ विश्लेषक यह तर्क दे रहे हैं कि हाल की सैन्य कार्रवाइयों — जिनका जिक्र 'ऑपरेशन सिंदूर' के संदर्भ में होता रहा है — पाकिस्तान में आशंका और चिंता बढ़ाने का कारण बनी हैं। वहीं, आलोचकों का कहना है कि स्वतंत्रता के बाद से भारत की सुगठित लोकतांत्रिक संरचना और पाकिस्तान के आंतरिक सैन्य तथा राजनीतिक उतार-चढ़ाव का तुलनात्मक परिप्रेक्ष्य इस बहस में अहम है।

उधर, भारतीय पक्ष ने भी कड़े रुख का संकेत दिया है। पिछले कुछ दिनों में भारत की ओर से पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन बंद करने और अपनी सीमावर्ती उपस्थिति बनाए रखने के खतरे को लेकर चेतावनियां दी गई थीं। दोनों देशों के बीच बयानबाज़ी और तैनाती के बीच तनाव के स्तर पर नजर बनी हुई है, और कूटनीतिक तथा सैन्य माध्यमों में आगे की घटनाओं पर सबकी नजरें टिक गई हैं।