किम जोंग-उन की उत्तराधिकारी तैयारी: 12 साल की बेटी को दे रहे सत्ता की ट्रेनिंग

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन अपनी सत्ता का वारिस तय करने की दिशा में आगे बढ़ते दिख रहे हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि उनके बाद देश की बागडोर उनकी 12 वर्षीय बेटी किम जू-ए संभाल सकती हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक विस्तृत रिपोर्ट में इस संभावना के पीछे कई कारण बताए गए हैं।

नवंबर 2022 में किम जोंग-उन ने पहली बार अपनी बेटी को सार्वजनिक रूप से पेश किया था। तब से उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया में किम जू-ए को उनके पिता के साथ लगातार और प्रमुखता से दिखाया जा रहा है। वे कई अहम आयोजनों में किम जोंग-उन के साथ नज़र आई हैं, जिससे संकेत मिलता है कि उन्हें नेतृत्व की जिम्मेदारी के लिए तैयार किया जा रहा है।

तीन साल में बढ़ा कद और बदली छवि
दक्षिण कोरियाई खुफिया एजेंसियों और विश्लेषकों का कहना है कि भले ही उनकी भविष्य की भूमिका को लेकर कोई पक्का निष्कर्ष नहीं निकला है, लेकिन पिछले तीन वर्षों में उनका सार्वजनिक दायरा काफी बढ़ा है। उनके परिधानों में औपचारिकता आई है — अब वे फर कॉलर वाले चमड़े के कोट और डिज़ाइनर सूट में नजर आती हैं। उन्होंने अपनी मां और किम यो-जोंग (किम जोंग-उन की बहन) को पीछे छोड़ते हुए शासक परिवार का प्रमुख महिला चेहरा बना लिया है।

नेतृत्व की तैयारी के संकेत

  • किम जोंग-उन ने नवंबर 2022 में आईसीबीएम परीक्षण के मौके पर बेटी को पहली बार जनता के सामने पेश किया और फिर उन्हें परमाणु एवं सैन्य स्थलों के दौरे पर ले गए, जहां शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कराई। माना जाता है कि यह वही प्रक्रिया है जो उन्हें खुद अपने उत्तराधिकारी बनने से पहले सिखाई गई थी।
  • 2023 के अंत में एक वरिष्ठ जनरल को उनके सामने घुटनों के बल झुकते देखा गया — यह सम्मान अब तक केवल किम जोंग-उन को मिलता था। रिपोर्ट के अनुसार, इतनी कम उम्र में उत्तराधिकारी तैयार करने के पीछे मकसद यह है कि किम अपने पिता की तरह आखिरी वक्त पर उत्तराधिकारी घोषित करने की गलती न दोहराएं।

उत्तराधिकारी की चर्चा के पीछे सेहत का कारण
किम जोंग-उन की उम्र भले ही सिर्फ 41 साल हो, लेकिन उनका वजन करीब 140 किलो बताया जाता है। उन्हें धूम्रपान और शराब की आदत है और माना जाता है कि वे हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं — वही वजह जिसने उनके पिता और दादा की जान ली थी। विशेषज्ञों का मानना है कि युवा उत्तराधिकारी को समय से तैयार करना अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ मनोवैज्ञानिक बढ़त भी देता है।

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