नेपाल में अंतरिम प्रधानमंत्री पद की दौड़ में कुलमान घिसिंग सबसे आगे, सुशीला कार्की रह गईं पीछे

नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया के बीच कुलमान घिसिंग का नाम सबसे अधिक उभरकर सामने आ रहा है। गुरुवार को सेना प्रमुख से मुलाकात के दौरान जेनरेशन-जेड (Gen-Z) ने घिसिंग के पक्ष में समर्थन दिया, जबकि सेना प्रमुख अशोक राज से सुशीला कार्की भी मिलने पहुंची थीं।

जमशेदपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके कुलमान घिसिंग की नेपाल में ईमानदार अफसर के रूप में पहचान है। उनका नाम पिछले साल सुर्खियों में आया था, जब उन्हें समय से पहले केपी शर्मा ओली की सरकार ने पद से हटाया था, जिससे ओली सरकार की आलोचना हुई थी।

कुलमान घिसिंग नेपाल के रामेछेप जिले के रहने वाले हैं और 2016 से उर्जा विभाग के प्रमुख रहे। उन्होंने आठ साल तक इस पद पर रहते हुए शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति 18 घंटे से बढ़ाकर 24 घंटे की। घिसिंग ने अपनी छवि मेहनती और ईमानदार अफसर के रूप में बनाई।

उनका नाम इसलिए आगे आया क्योंकि उन्होंने उर्जा विभाग में रहते हुए सीधे केपी ओली से टकराव किया और जनता तथा राजनीतिक दलों का समर्थन पाया। सुशीला कार्की के नाम पर राजनीतिक विरोध और कुछ दलों के रुख के कारण कुलमान घिसिंग को सर्वसम्मति से आगे किया गया। पूर्व पीएम प्रचंड, केपी शर्मा ओली और कांग्रेस के महासचिव गगन थापा ने भी घिसिंग के नाम को लेकर अपने बयान दिए हैं।

कुलमान घिसिंग की सादगी, ईमानदारी और प्रशासनिक दक्षता ने उन्हें अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के रूप में स्थापित किया है।

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