वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन एच-1बी वीजा नीति में बड़ा फेरबदल करने की तैयारी कर रहा है। नई नीति के तहत विदेशी कुशल पेशेवरों को अब अस्थायी रूप से अमेरिका बुलाया जाएगा ताकि वे स्थानीय कामगारों को उच्च तकनीकी क्षेत्रों में प्रशिक्षित कर सकें, जिसके बाद उन्हें अपने देश वापस लौटना होगा।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बताया कि यह कदम ट्रंप के उस व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत अमेरिका महत्वपूर्ण उद्योगों को दोबारा देश में स्थापित करना चाहता है और विदेशी आयात पर निर्भरता घटाना चाहता है।

‘नॉलेज ट्रांसफर’ रणनीति पर काम
बेसेंट ने एक अमेरिकी चैनल से बातचीत में बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप की योजना के अनुसार विदेशी विशेषज्ञों को तीन से सात वर्षों की अवधि के लिए अमेरिका बुलाया जाएगा, ताकि वे यहां के कामगारों को प्रशिक्षित करें और फिर लौट जाएं। उन्होंने इसे ‘ज्ञान हस्तांतरण’ (Knowledge Transfer) का मॉडल बताया। इस योजना के अंतर्गत सेमीकंडक्टर, शिपबिल्डिंग और प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग जैसे उद्योगों को पुनर्जीवित करने की दिशा में काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “पिछले कुछ दशकों में हमने प्रिसिशन मैन्युफैक्चरिंग और जहाज निर्माण जैसे क्षेत्रों में काम करना लगभग बंद कर दिया था। अब हमें इन उद्योगों को फिर से खड़ा करने के लिए अनुभवी विदेशी विशेषज्ञों की मदद की जरूरत है, जो अमेरिकी कामगारों को प्रशिक्षित कर सकें।”

अमेरिकी नौकरियों पर नहीं पड़ेगा असर
जब उनसे पूछा गया कि क्या इससे अमेरिकी नौकरियों पर खतरा पैदा होगा, तो बेसेंट ने कहा, “यह सोचना गलत होगा कि अमेरिकी कामगार ये नौकरियां नहीं कर सकते। बस वे अभी उस स्तर पर तैयार नहीं हैं। विदेशी विशेषज्ञों की मदद से उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे आगे इन जिम्मेदारियों को संभाल सकें।”

आम परिवारों के लिए टैक्स राहत की तैयारी
बेसेंट ने इस दौरान ट्रंप प्रशासन की आर्थिक नीतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सरकार 1,00,000 डॉलर से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को 2,000 डॉलर की टैरिफ छूट देने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति का लक्ष्य है कि मजबूत व्यापार नीति का लाभ हर अमेरिकी परिवार तक पहुंचे। यह छूट उसी दिशा में एक ठोस कदम है।”

अमेरिकी वित्त मंत्री ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की आर्थिक दृष्टि ‘समान समृद्धि’ की है, और इसके लिए एक स्थिर व मजबूत ट्रेजरी मार्केट बनाए रखना जरूरी है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था में विश्वास कायम रहे।