रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने डिप्टी प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिडेन्को को देश की नई प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया है। उन्होंने इस पद पर डेनिस श्म्याहल की जगह ली है, जो 2020 से इस जिम्मेदारी को संभाल रहे थे और युद्धकाल में तीन वर्षों तक सरकार का संचालन करते रहे।
यूरो न्यूज के अनुसार, सोमवार (14 जुलाई) को आयोजित एक बैठक के बाद राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कार्यकारी पदों में बदलाव की शुरुआत के तहत यूलिया के नाम की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक परिवर्तन भविष्य में ठोस परिणाम देंगे।
कौन हैं यूलिया स्विरिडेन्को?
यूलिया, 39 वर्षीय अर्थशास्त्री और राजनेता, को राष्ट्रपति जेलेंस्की का भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। उन्होंने 2008 में कीव यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी और इसके बाद सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में कदम रखा। 2020 में वह राष्ट्रपति कार्यालय से जुड़ीं और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक वार्ताओं, विशेषकर अमेरिका के साथ खनिज व्यापार समझौतों में सक्रिय भूमिका निभाई। 2021 में उन्हें यूक्रेन की डिप्टी प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
यूलिया को क्यों सौंपी गई प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी?
पहला कारण यह है कि युद्ध के चलते यूक्रेन में प्रशासनिक पुनर्गठन की गति धीमी थी और प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त विकल्प तलाशना कठिन हो रहा था। यूलिया, डिप्टी पीएम होने के साथ-साथ अपनी साफ छवि और प्रशासनिक अनुभव के चलते इस भूमिका के लिए उपयुक्त पाई गईं।
दूसरा बड़ा कारण अमेरिका से बढ़ते तनावपूर्ण संबंध हैं। युद्धग्रस्त यूक्रेन को अमेरिका के समर्थन की तत्काल आवश्यकता है। यूलिया की नियुक्ति के जरिए राष्ट्रपति जेलेंस्की अमेरिका के साथ विश्वास बहाली और कूटनीतिक सुधार की दिशा में मजबूत कदम उठाना चाहते हैं।
संसद की मंजूरी अनिवार्य
हालांकि राष्ट्रपति द्वारा नामांकन की घोषणा कर दी गई है, लेकिन यूक्रेन की संसद से औपचारिक अनुमोदन अभी बाकी है। संसद की आगामी बैठक में यूलिया के नाम पर मुहर लग सकती है।
प्राथमिकता में अमेरिका से रिश्ते सुधारना
प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद यूलिया की पहली चुनौती अमेरिका के साथ बिगड़ते रिश्तों को सुधारना होगी। मौजूदा समय में यूक्रेन का अमेरिका में कोई स्थायी राजदूत नहीं है, जिसे नियुक्त करने की प्रक्रिया में भी यूलिया की भूमिका अहम होगी। उनकी नियुक्ति को यूक्रेन की कूटनीतिक दिशा में निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है।