भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव तब शुरू हुआ जब ट्रंप ने सत्ता संभालने के कुछ महीनों बाद भारत पर टैरिफ लगाने की चेतावनी दी थी। भारत उम्मीद कर रहा था कि यह मुद्दा बातचीत से सुलझ जाएगा, लेकिन बाद में ट्रंप ने 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया।

इस विवाद से भारत का करीबी मित्र इजरायल भी चिंतित हुआ और उसने दोनों देशों को बातचीत से समस्या हल करने की सलाह दी। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप दोनों के अच्छे मित्र हैं और मोदी को ट्रंप से सौदा करने के लिए व्यक्तिगत रूप से सलाह देंगे।

नेतन्याहू ने बताया कि भारत और अमेरिका के संबंध मजबूत हैं और दोनों देशों के हित में होगा कि वे टैरिफ विवाद को बातचीत के माध्यम से सुलझाएं। उन्होंने कहा, "दोनों देश हमारे मित्र हैं और इनके रिश्तों की नींव मजबूत है।"

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर नाराजगी जताई और इस वजह से कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

भारत ने ट्रंप के इस फैसले को अतार्किक करार देते हुए कहा है कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं और जनता के हितों की रक्षा के लिए किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें इसका भी भुगतान करना होगा। साथ ही, नेतन्याहू ने भारत आने की इच्छा भी व्यक्त की है।