नॉर्वे के आम चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं, जिनमें सत्ताधारी लेबर पार्टी ने मुश्किल मुकाबले के बाद जीत दर्ज की है। प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख जोनास गार स्टोरे ने नतीजों के बाद विजय की घोषणा की। माना जा रहा है कि टैक्स और कल्याणकारी नीतियों पर आधारित अभियान ने लेबर पार्टी को बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
🔹 कांटे का चुनाव
चुनाव में दक्षिणपंथी राजनीति का असर साफ देखने को मिला। हालांकि नतीजों ने यह भी संकेत दिए हैं कि आने वाले वर्षों में दक्षिणपंथी दल नॉर्वे की सत्ता तक पहुंच सकते हैं। फिलहाल, प्रधानमंत्री स्टोरे अगले चार वर्षों तक देश का नेतृत्व करेंगे। लेबर पार्टी को 28% वोट मिले और उसे सेंटर-लेफ्ट दलों का समर्थन प्राप्त हुआ। 169 सदस्यीय संसद में गठबंधन को 88 सीटों पर जीत हासिल हुई।
🔹 अप्रवासन मुद्दा बना केंद्र
एंटी-इमिग्रेशन प्रोग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में बड़ी सफलता हासिल की और उसे रिकॉर्ड 24% वोट मिले। वहीं कंजरवेटिव पार्टी महज 15% वोट पर सिमट गई, जो पिछले 20 वर्षों में उसका सबसे कमजोर प्रदर्शन है। चुनाव के दौरान टैक्स, सामाजिक कल्याण और अप्रवासन सबसे अहम मुद्दे रहे। अंतरराष्ट्रीय हालात—जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका की व्यापार नीतियां—भी मतदाताओं के रुझान को प्रभावित करने वाले कारक बने।