ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बेचैनी, शहबाज ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की लगाई गुहार

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के असर से पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अब भारत के साथ वार्ता में किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की बात उठाई है। बुधवार को एक बयान में उन्होंने कहा कि भारत इस विचार को स्वीकार नहीं कर रहा, लेकिन उन्हें लगता है कि बातचीत किसी तटस्थ देश में होनी चाहिए।

शरीफ ने कहा कि भारत कश्मीर मसले को हमेशा द्विपक्षीय विवाद बताता है, लेकिन पाकिस्तान चाहता है कि किसी तीसरे पक्ष की मौजूदगी में संवाद हो। उन्होंने यह भी बताया कि अगर भविष्य में बातचीत होती है, तो पाकिस्तान चार प्रमुख मुद्दों—कश्मीर, जल विवाद, व्यापार और आतंकवाद—को उठाएगा।

आतंकवाद पर बात करते हुए शरीफ ने कहा कि यह विषय दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर सुलझाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने दावा किया कि भारत को इस्राइल का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि युद्ध में किसी एक की हार और दूसरे की जीत होती है, जबकि स्थायी शांति ही सुरक्षित भविष्य का रास्ता है।

शरीफ ने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य स्तर पर बातचीत फिर शुरू हुई है और दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच समझौता हुआ है। उन्होंने यह दावा भी किया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने युद्धविराम में बड़ी भूमिका निभाई, जबकि चीन, तुर्किये और अन्य देशों ने पाकिस्तान का समर्थन किया।

भारत पर आरोप, बिना सबूत
शरीफ ने भारत की खुफिया एजेंसियों पर तहरीक-ए-तालिबान और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी को समर्थन देने का आरोप लगाया, हालांकि उन्होंने इसके पक्ष में कोई प्रमाण नहीं दिया।

असीम मुनीर की पदोन्नति पर भी बोले
प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल पद पर पदोन्नत करने का निर्णय उनका निजी था, हालांकि इस निर्णय में उन्होंने नवाज शरीफ से परामर्श लिया था। हाल में भारतीय सेना द्वारा किए गए अभियान में पाकिस्तान की नाकामी के बावजूद मुनीर को यह पद दिया गया। भारत के खिलाफ उनके कथित बयानों और प्रोपेगेंडा से खुश होकर सरकार ने उन्हें यह सम्मान सौंपा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here