तियानजिन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 31 अगस्त को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन के अवसर पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। बैठक में आतंकवाद और उससे जुड़ी चुनौतियों सहित द्विपक्षीय सहयोग के कई पहलुओं पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने पिछली अक्टूबर 2024 की बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में आई सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और चीन विकास के साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं। दोनों पक्षों ने यह भी कहा कि मतभेद विवादों में परिवर्तित नहीं होने चाहिए और आपसी सम्मान, हित और संवेदनशीलता पर आधारित स्थिर संबंध ही 21वीं सदी के बहुध्रुवीय विश्व और एशिया के लिए आवश्यक हैं।
सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द:
प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष सफल सैन्य वापसी और इसके बाद की स्थिति को संतोषजनक बताया। उन्होंने सीमा विवाद का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने की प्रतिबद्धता जताई और विशेष प्रतिनिधियों द्वारा लिए गए हालिया निर्णयों का समर्थन किया।
पर्यटन और आर्थिक सहयोग:
दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर यात्रा, पर्यटक वीजा सुविधा और सीधी उड़ानों के माध्यम से लोगों के बीच संबंध मजबूत करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया। व्यापार और निवेश में वृद्धि तथा व्यापार घाटा कम करने के लिए राजनीतिक और रणनीतिक सहयोग बढ़ाने पर सहमति हुई।
रणनीतिक स्वायत्तता और बहुपक्षीय सहयोग:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन दोनों ही रणनीतिक स्वायत्तता चाहते हैं और उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। आतंकवाद, बहुपक्षीय मंच और निष्पक्ष व्यापार जैसे वैश्विक मुद्दों पर साझा आधार बनाने पर भी चर्चा हुई।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में आमंत्रण:
मोदी ने शी को 2026 में भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता वाले शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया। शी ने निमंत्रण स्वीकार किया और भारत की अध्यक्षता में चीन का सहयोग देने की पेशकश की।
काई क्वी से मुलाकात:
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य काई क्वी से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय आदान-प्रदान और पिछले समझौतों के अनुरूप संबंधों को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।