अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उन फैसलों पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई है, जिनमें अमेरिकी अदालतों ने टैरिफ नियमों को चुनौती दी है। ट्रंप ने कहा है कि यदि ये टैरिफ हटाए गए तो अमेरिका को 1929 जैसी भयंकर आर्थिक मंदी का सामना करना पड़ सकता है। यह बयान ट्रंप ने उन टैरिफों को लागू करने के बाद दिया है, जो कुछ देशों पर लगाए गए हैं।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि टैरिफ के चलते अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी आ रही है और लगातार नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। इसके साथ ही इससे अमेरिकी खजाने में अरबों डॉलर का राजस्व आ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई कट्टरपंथी या वामपंथी अदालत इन टैरिफों को रद्द करती है तो अमेरिका पुनः 1929 जैसी आर्थिक संकट में फंस सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर अदालतों को अमेरिका की संपत्ति और ताकत के खिलाफ फैसला देना था तो इसे पहले ही मामला शुरू होने पर कर देना चाहिए था, जिससे देश 1929 जैसी गंभीर आर्थिक स्थिति से बचा रहता। ट्रंप ने अपनी न्यायिक व्यवस्था पर भरोसा जताया और कहा कि इतिहास में शायद ही कोई व्यक्ति उनके जितने बड़े परीक्षणों से गुजरा हो। उनका मानना है कि अमेरिका सफलता का हकदार है, न कि आर्थिक अस्थिरता और अपमान का।
भारत पर 50 फीसदी टैरिफ का आरोप
ट्रंप ने पिछले सप्ताह भारत से आयातित वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लागू किया, जो 7 अगस्त से लागू हुआ। इसके अलावा, रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा। ऐसे में भारत पर कुल 50 फीसदी का टैरिफ लग गया है, जो किसी भी देश पर अमेरिका द्वारा लगाए गए सबसे ऊंचे शुल्कों में से एक है। इसके अलावा, ट्रंप ने कई अन्य देशों पर भी भारी टैरिफ लगाए हैं।
टैरिफ के विरोध में भारतीय-अमेरिकी समुदाय
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता और पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के सलाहकार अजय भुटोरिया ने भारत पर टैरिफ लगाने की कड़ी आलोचना की है। उनका कहना है कि भारत से आने वाली जेनेरिक दवाओं की आपूर्ति अमेरिका की आधी सस्ती दवाइयों की पूर्ति करती है। टैरिफ बढ़ने से इन दवाओं की कीमतें महंगी हो जाएंगी, जिससे अमेरिकी परिवारों पर असर पड़ेगा। रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे मसाले, दालें और त्योहारों के कपड़े महंगे होंगे, जबकि कपड़े और जूतों की कीमतों में 37 फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। भुटोरिया ने कहा कि भारत को उसकी ऊर्जा जरूरतों के लिए निशाना बनाना उचित नहीं है।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने ट्रंप की दोहरी नीतियों को निंदनीय बताया और कहा कि भारत-अमेरिका के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों और 2030 तक 500 अरब डॉलर के साझा लक्ष्य को इस तरह की नीतियां नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने जोर दिया कि दोनों देशों को साझेदारी के साथ आने वाली चुनौतियों का मिलकर सामना करना होगा।
अमेरिका ने किन देशों पर लगाए कितने टैरिफ?
अमेरिका ने अतिरिक्त टैरिफ के बाद भारत को ब्राजील के साथ सबसे अधिक अमेरिकी टैरिफ वाले देशों में शामिल कर दिया है। अमेरिका ने म्यांमार पर 40 फीसदी, थाईलैंड और कंबोडिया पर 36-36 फीसदी, बांग्लादेश पर 35 फीसदी, इंडोनेशिया पर 32 फीसदी, चीन और श्रीलंका पर 30-30 फीसदी, मलेशिया पर 25 फीसदी और फिलिपींस तथा वियतनाम पर 20-20 फीसदी टैरिफ लगाए हैं। ये देश अमेरिका के साथ कई क्षेत्रों में व्यापार करते हैं, जिनका भारत से भी गहरा संबंध है। अब इन देशों पर अधिक शुल्क लगाने से अमेरिकी बाजार में भारत के प्रतिस्पर्धियों को बढ़त मिल सकती है।
हालांकि, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते की संभावना के चलते टैरिफ में कटौती की उम्मीद बनी हुई है। अमेरिका की वार्ता टीम 25 अगस्त को भारत आ रही है, जो इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।