कतर की मध्यस्थता के चलते पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने चार दिन के संघर्ष के बाद अस्थायी युद्धविराम पर सहमति जताई है। इस कदम के बाद दोनों देशों ने अब शांति और संवाद की दिशा में बातचीत शुरू करने का संकेत दिया है।
पड़ोसी देशों पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लगभग 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा है। डूरंड लाइन और आतंकवाद के मुद्दों पर दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव रहा है। पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान उसकी सीमा में आतंक को बढ़ावा देकर क्षेत्र को अस्थिर कर रहा है।
अफगान सरकार के प्रवक्ता जबिबुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि पाकिस्तान के अनुरोध पर युद्धविराम लागू किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान ने फिर हमला किया तो उसका जवाब उसी भाषा में दिया जाएगा। पाकिस्तान ने भी इसी अनुरोध के आधार पर युद्धविराम की पुष्टि की और आतंक के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने का संकल्प जताया।
युद्धविराम की घोषणा के तुरंत बाद कतर के विदेश मंत्री डॉ. मुहम्मद अब्दुल अजीज अल-खेलाईफी ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री兼विदेश मंत्री इशाक डार से फोन पर बातचीत की। कतर ने क्षेत्र में शांति स्थापित करने की पाकिस्तान की कोशिशों की सराहना की, जबकि पाकिस्तान ने कतर की मध्यस्थ भूमिका के लिए धन्यवाद दिया।
कतर को तालिबान का करीबी और भरोसेमंद सहयोगी माना जाता है। तालिबान का राजनीतिक कार्यालय अमेरिका-तालिबान संघर्ष के दौरान ही कतर में स्थापित हुआ था। 2021 में कतर की पहल पर ही तालिबान ने दोहा समझौता किया था। वर्तमान में भी अमेरिका ने बगराम बेस को लेकर कतर को वार्ता का जिम्मा सौंपा है।
हालांकि, कतर पर यह आरोप लंबे समय से लगे हैं कि वह तालिबान को वित्तीय सहायता देता है, लेकिन इस बात को कतर ने न तो स्वीकार किया है और न ही खंडन।