टोक्यो। जापान की संसद ने मंगलवार को साने ताकाइची को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में चुना। 64 वर्षीय ताकाइची ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की ओर से चुनाव में जीत दर्ज की। संसद के निचले सदन में उन्हें 237 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी योषिहिको नोडा को 149 वोट हासिल हुए।
प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद दुनिया के कई देशों से उन्हें शुभकामनाएं मिलीं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर बधाई देते हुए कहा, “जापान की प्रधानमंत्री बनने पर साने ताकाइची को हार्दिक बधाई। भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं। हमारे गहरे रिश्ते इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए बेहद अहम हैं।”
इसी तरह, यूएई के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान ने भी ताकाइची को शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे जापान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करने के इच्छुक हैं।
“काम, काम और सिर्फ काम करूंगी” — ताकाइची
प्रधानमंत्री पद की शपथ के बाद अपने पहले संबोधन में ताकाइची ने कहा कि “जापान को फिर से खड़ा करने के लिए सभी पीढ़ियों को मिलकर काम करना होगा। मैं खुद वर्क-लाइफ बैलेंस की बात नहीं करूंगी, क्योंकि मेरा पूरा ध्यान काम पर रहेगा।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे देश के पुनर्निर्माण के लिए एकजुट होकर प्रयास करें।
सामने हैं बड़ी चुनौतियां
साने ताकाइची के लिए प्रधानमंत्री का कार्यकाल आसान नहीं होगा। उन्हें कमजोर अर्थव्यवस्था, भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझती पार्टी और आंतरिक असंतोष जैसी चुनौतियों से निपटना होगा। हालांकि, हाल ही में ओसाका के गवर्नर हिरोफुमी योशिमुरा के साथ उनके राजनीतिक गठबंधन को ताकाइची की स्थिति को मजबूत करने वाला कदम माना जा रहा है।