बैंकॉक। थाईलैंड के दक्षिणी हिस्से में पिछले हफ्ते शुरू हुई भीषण बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारी बारिश के चलते 12 प्रांत प्रभावित हुए हैं और अब तक कम से कम 80 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने गुरुवार को बताया कि कई क्षेत्रों में पानी धीरे-धीरे उतर रहा है, लेकिन कुछ जिलों में स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार करीब 10 लाख घरों और 30 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं। नखोन सी थम्मारात, फात्तालुंग, सोंगख्ला, त्रांग, सतुन, पट्टानी और याला सबसे ज्यादा प्रभावित प्रांत हैं। गुरुवार सुबह कई जिलों में पानी का स्तर कम होना शुरू हुआ, लेकिन पट्टानी और नखोन सी थम्मारात में अभी भी पानी ऊंचा है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
सोंगख्ला में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां मौतों की संख्या अचानक बढ़कर 55 हो गई। सात प्रांतों में अब तक कम से कम 82 लोग मारे गए हैं। सरकारी प्रवक्ता श्रीपोंग अंग्कासाकुलकियत ने उम्मीद जताई कि गुरुवार शाम तक नदी के पानी का स्तर नियंत्रण में आ जाएगा।
हाट याई शहर में हालात चिंताजनक हैं। प्रधानमंत्री अनुतिन चार्नवीराकुल ने सोंगख्ला में आपातकाल घोषित कर दिया है। शहर में बाढ़ के कारण लोग दिनों तक फंसे रहे, बिजली और पानी की सप्लाई बाधित हुई और संचार नेटवर्क ठप पड़ गया।
स्वास्थ्य सेवाओं पर भी भारी दबाव है। हाट याई अस्पताल अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहा है, जिसके चलते आठ फील्ड अस्पताल बनाए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 20 गंभीर मरीजों को एयरलिफ्ट किया गया और अन्य मरीजों व स्टाफ के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रशासन का कहना है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन जिन इलाकों में पानी अभी भी भरा है, वहां राहत और बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। भारी नुकसान के कारण प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास में लंबा समय लग सकता है।