नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में अपने 18 दिवसीय प्रवास को अविश्वसनीय और जादुई अनुभव बताया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से देखा गया भारत आज आत्मविश्वासी, निडर, महत्वाकांक्षी और गौरव से भरा प्रतीत होता है।
‘सारे जहाँ से अच्छा’ आज भी उतना ही सटीक
शुक्ला ने 1984 में अंतरिक्ष में गए पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की पंक्ति दोहराई— “सारे जहाँ से अच्छा”, और कहा कि यह भाव आज भी उतनी ही सच्चाई के साथ झलकता है।
18 दिन अंतरिक्ष में, रोज़ देखे 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त
शुभांशु शुक्ला भारत के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखा है, और अंतरिक्ष में जाने वाले देश के दूसरे नागरिक बने हैं। उन्होंने 18 दिन अंतरिक्ष में बिताए, जहां प्रतिदिन उन्होंने 16 बार सूर्योदय और सूर्यास्त देखे। यह अनुभव उन्होंने “जादू जैसा” बताया।
विदाई समारोह में बोले भारत के लाल
आईएसएस पर आयोजित एक्सिओम-4 मिशन के विदाई समारोह में शुभांशु ने कहा, “यह मेरे जीवन की एक शानदार यात्रा रही है, जो हमेशा मेरी स्मृतियों में जीवित रहेगी। मैं यहां से अनेक यादें और सीख लेकर वापस लौट रहा हूं, जिन्हें अपने देशवासियों के साथ बांटूंगा।”
मंगलवार को पृथ्वी पर लौटेंगे
अंतरिक्ष यात्री सोमवार को पृथ्वी पर वापसी की यात्रा आरंभ करेंगे। एक्सिओम-4 मिशन के अंतर्गत उनकी वापसी मंगलवार को अमेरिका के कैलिफोर्निया तट पर संभावित है।