तिब्बत में माउंट एवरेस्ट के पूर्वी इलाके में आए भीषण बर्फीले तूफान से 1,000 से ज्यादा पर्वतारोही फंस गए हैं। शुक्रवार शाम से शुरू हुई भारी बर्फबारी के बाद क्षेत्र में हालात गंभीर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि यह इलाका समुद्र तल से करीब 4,900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जहां बचाव दल स्थानीय लोगों के साथ मिलकर लगातार राहत कार्य में जुटे हुए हैं। कई पर्वतारोहियों को सुरक्षित निकाल भी लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, बर्फबारी एवरेस्ट की पूर्वी ढलानों पर सबसे अधिक हुई है। यह इलाका पर्वतारोहियों और ट्रेकर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (चीन में कोमोलांग्मा) की ऊंचाई 8,849 मीटर से अधिक है और यहां का मौसम अक्सर बेहद अनिश्चित रहता है।

नेपाल में भारी बारिश और भूस्खलन से हाहाकार
एवरेस्ट के पड़ोसी देश नेपाल में भी मौसम ने तबाही मचाई है। लगातार बारिश से भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ में अब तक 52 लोगों की जान जा चुकी है। कई इलाकों में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं और बचाव दल राहत कार्य में जुटे हैं।

चीन में टाइफून माटमो का प्रकोप
उधर, चीन के गुआंगडोंग प्रांत में टाइफून माटमो ने रविवार को दस्तक दी। तेज हवाओं के कारण प्रशासन ने 3.47 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है। तूफान की अधिकतम रफ्तार 151 किलोमीटर प्रति घंटे तक दर्ज की गई।

प्राकृतिक आपदाओं से घिरा पर्वतीय क्षेत्र
माउंट एवरेस्ट क्षेत्र हर साल हजारों पर्वतारोहियों को आकर्षित करता है, लेकिन इसकी कठिन भौगोलिक परिस्थितियां और अचानक बदलता मौसम इसे बेहद खतरनाक बनाता है। हालिया तूफान ने एक बार फिर साबित किया है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी तक पहुंचने का सफर जितना रोमांचक है, उतना ही जोखिम भरा भी।